Bihar School News: बिहार में शिक्षा का 'छतरी तमाशा', 1000 छात्र, 3 कमरे, छत पर कक्षाएं, बोले बच्चे- पढ़ाई नहीं, सजा हो रही!"

Bihar School News: एक सरकारी स्कूल में शिक्षा की बदहाली का चौंकाने वाला नजारा सामने आया है, जहां 1000 छात्रों के लिए महज दो कमरे हैं। जगह की कमी के चलते कक्षाएं छत पर लग रही हैं, लेकिन वहां भी हालात बदतर हैं।

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सरकारी स्कूल में शिक्षा का 'खुला आलम'- फोटो : social Media

Bihar School News:बिहार के एक सरकारी स्कूल में शिक्षा की बदहाली का चौंकाने वाला नजारा सामने आया है, जहां 1000 छात्रों के लिए महज दो कमरे हैं। जगह की कमी के चलते कक्षाएं छत पर लग रही हैं, लेकिन वहां भी हालात बदतर हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के पूर्वानुमान के अनुसार, 1 और 2 मई 2025 को बिहार के सभी 38 जिलों में बारिश की संभावना है। ऐसे में इस स्कूल के छात्रों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं, क्योंकि छत पर लगने वाली कक्षाएं बारिश में पूरी तरह ठप हो जाएंगी।

पटना के फतुहा प्रखंड के जेठुली गांव में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय और उच्च माध्यमिक विद्यालय की बदहाल स्थिति शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है। इस स्कूल में करीब 1000 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, लेकिन मात्र तीन कमरे हैं—दो में बच्चे पढ़ते हैं और एक शिक्षकों के लिए। जगह की भारी कमी के कारण छात्रों को खड़े होकर पढ़ना पड़ता है, जबकि 11वीं और 12वीं की कक्षाएं स्कूल की छत पर अस्थायी तौर पर चल रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र, पटना के अनुसार, 1 और 2 मई 2025 को भारी बारिश का अलर्ट है, जिससे छत पर पढ़ाई पूरी तरह ठप होने का खतरा मंडरा रहा है।

शिक्षा का बदहाल हाल

कमरों की किल्लत: 1000 छात्रों के लिए सिर्फ दो कमरे, तीसरा कमरा शिक्षकों का। कई बच्चे खड़े होकर पढ़ने को मजबूर।

छत पर कक्षाएं: 11वीं-12वीं के छात्र छत पर पढ़ते हैं, जहां गर्मी में हालत खराब और बारिश में पढ़ाई असंभव।

सुविधाओं का टोटा: न पर्याप्त बेंच-डेस्क, न ब्लैकबोर्ड, न शौचालय। मध्याह्न भोजन के समय भी बैठने की जगह नहीं।

दो पालियों में पढ़ाई: छात्रों की भारी संख्या के कारण स्कूल दो पालियों में चलता है, फिर भी जगह की समस्या बरकरार।

छात्रों और शिक्षकों की पीड़ा

प्रभारी प्रधानाध्यापक मृत्युंजय कुमार दीपक ने बताया कि मूलभूत सुविधाओं के अभाव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चुनौतीपूर्ण है। आसपास के गांवों से आने वाले बच्चों को भी बैठने की जगह नहीं मिलती। एक छात्रा ने कहा, "छत पर गर्मी में पढ़ना सजा जैसा है, और अब बारिश का डर सता रहा है।" शिक्षकों के कमरे में भी उचित व्यवस्था नहीं, जिससे उनका काम प्रभावित होता है।

मौसम की मार

मौसम विभाग के अनुसार, 1-2 मई को फतुहा सहित पटना में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है, जिसके कारण छत पर चलने वाली कक्षाएं रुक जाएंगी। 3-5 मई तक रुक-रुक कर बारिश का अनुमान है, जिससे पढ़ाई का नुकसान तय है। पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी की नम हवाओं के चलते मौसम और बिगड़ेगा, जिसका सबसे ज्यादा असर इन छात्रों पर पड़ेगा।

प्रशासन का वादा

फतुहा प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने स्वीकार किया कि जगह की कमी से छात्रों और शिक्षकों को भारी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, "हम जल्द इस समस्या के समाधान की कोशिश करेंगे और वरीय अधिकारियों को सूचित करेंगे।" हालांकि, बारिश से पहले कोई ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद कम है।

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह स्कूल बिहार की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली का जीता-जागता सबूत है। जब 1000 बच्चों के लिए तीन कमरे और छत पर कक्षाएं ही विकल्प हों, तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बातें हवाई साबित होती हैं। मई की बारिश न सिर्फ पढ़ाई को रोकेगी, बल्कि बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डालेगी।

जेठुली गांव के इस स्कूल की स्थिति न केवल शर्मनाक है, बल्कि बच्चों के शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन भी है। बारिश का मौसम नजदीक है, और अगर शिक्षा विभाग ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो इन 1000 छात्रों के सपने पानी में डूब जाएंगे। क्या प्रशासन इस सनसनीखेज हकीकत को गंभीरता से लेगा, या यह सिर्फ वादों तक सीमित रहेगा?





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