दिनारा के सियासी रण में आलोक सिंह का इतिहास बनाने का दावा, तीन मुद्दों पर राजद को घेरा

Alok Singh Dinara- फोटो : news4nation

Dinara : एनडीए ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी) के संसदीय दल बोर्ड के अध्यक्ष आलोक सिंह को दिनारा से प्रत्याशी बनाया है. आलोक सिंह कैमूर जिले के रहने वाले हैं. वहीं राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने दिनारा विधानसभा से संजय यादव को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी ने वर्तमान विधायक विजय कुमार मंडल का टिकट काट दिया है, जिससे राजद खेमे में असंतोष की स्थिति बनी हुई है. इससे आलोक सिंह मुकाबले में काफी मजबूती से आगे से आगे बढ़ते दिख रहे हैं. 


दिनारा में जातीय समीकरण की दृष्टि से यहाँ राजपूत, यादव, कुशवाहा और दलित मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. राजनीतिक इतिहास पर नज़र डालें तो दिनारा सीट पर परंपरागत रूप से राजपूत नेताओं का वर्चस्व रहा है. हालांकि हाल के वर्षों में समाजवादी और महागठबंधन दलों ने भी अपनी मज़बूत पैठ बनाई है. 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिला था, जिससे यह सीट राजनीतिक रूप से “हॉट सीट” के रूप में उभरी. अलोक सिंह और संजय यादव के बीच आमने-सामने के मुकाबले में जातीय गोलबंदी को बेहद अहम माना जा रहा है. 


दरअसल, विकास की दृष्टि से दिनारा अब भी बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, सिंचाई और शिक्षाकी कमी से जूझ रहा है. स्थानीय जनता रोजगार के अवसर और कृषि सुधार को लेकर नेताओं से ठोस वादों की अपेक्षा रखती है. ऐसे में अलोक सिंह इन्हीं मुद्दों पर दिनारा में अपनी उपस्थिति को मजबूती से जनता के बीच ले जा रहे हैं. राजद द्वारा निवर्तमान विधायक का टिकट काटना भी अलोक सिंह ने मुद्दा बनाकर जनता के सामने पेश किया है. वे राजद को इस क्षेत्र के विकास ना होने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. 



वहीं दिनारा में उम्मीदवारों के व्यक्तित्व, जातीय संतुलन और स्थानीय मुद्दे—तीनों ही इस बार परिणाम तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे।