Bihar Vidhansabha Chunav 2025:गायघाट में जदयू प्रत्याशी कोमल सिंह ने लक्जरी गाड़ी छोड़ी, बाइक पर सवार होकर जनसंपर्क के लिए निकलीं, मतदाताओं से हुईं रू-ब-रू

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: गायघाट विधानसभा क्षेत्र से जदयू की महिला प्रत्याशी कोमल सिंह ने एक अनोखा अंदाज़ अपनाया।

गायघाट में जदयू प्रत्याशी कोमल सिंह ने लक्जरी गाड़ी छोड़ी- फोटो : reporter

Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र सभी प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान जोरों पर चला रहे हैं। इसी कड़ी में गायघाट विधानसभा क्षेत्र से जदयू की महिला प्रत्याशी कोमल सिंह ने एक अनोखा अंदाज़ अपनाया। उन्होंने अपनी लक्जरी गाड़ी छोड़कर बाइक पर सवार होकर मतदाताओं तक पहुँचकर उनकी समस्याएँ सुनी और जनसंपर्क किया।कोमल सिंह वैशाली की लोजपा सांसद बीना देवी और मुजफ्फरपुर के जदयू एमएलसी दिनेश सिंह की बेटी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें गायघाट विधानसभा सीट से जदयू का प्रत्याशी घोषित किया है। उनके इस चुनावी अभियान में लोकतांत्रिक संपर्क और व्यक्तिगत मुलाकात पर विशेष जोर देखा जा रहा है।

गायघाट विधानसभा क्षेत्र बाढ़ प्रभावित इलाका है। हाल के दिनों में बागमती नदी ने जमकर कहर बरपाया, जिसके कारण कई सड़कें पूरी तरह ध्वस्त हो गई थीं। इन टूटी सड़कों पर बड़े वाहनों का परिचालन असंभव था, इसलिए कोमल सिंह ने बाइक से ही जनसंपर्क करना उचित समझा। उन्होंने टूटी-फूटी सड़कें पार करते हुए मतदाताओं तक पहुँच बनाई और उनका हाल-चाल जाना।कोमल सिंह ने बताया कि कई स्थानों पर नाव का सहारा लेकर भी उन्होंने मतदाताओं तक पहुँच बनाई और उनकी समस्याओं को जाना। उनका कहना था कि यह व्यक्तिगत प्रयास मतदाताओं के बीच भरोसा और सजीव संपर्क स्थापित करने का तरीका है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की समस्याओं को सीधे सुनना और उनके समाधान की दिशा में पहल करना है।

जदयू समर्थक इस कदम को काफी प्रशंसनीय मान रहे हैं। उनका कहना है कि कोमल सिंह का यह अंदाज़ दिखाता है कि नेतृत्व सिर्फ पद और प्रतिष्ठा तक सीमित नहीं, बल्कि जनता से जुड़ने और उनकी तकलीफों को समझने का जज़्बा भी होना चाहिए।राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ऐसे जनसंपर्क अभियान, जहाँ प्रत्याशी साधारण जनता के बीच जाकर व्यक्तिगत मुलाकात करते हैं, मतदाताओं पर गहरा प्रभाव डालते हैं। यह न केवल चुनावी विश्वास को बढ़ाता है बल्कि स्थानीय समस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में भी मदद करता है।

कोमल सिंह के इस असाधारण चुनावी अंदाज़ ने गायघाट विधानसभा क्षेत्र में न केवल चर्चा पैदा की है बल्कि अन्य प्रत्याशियों के लिए भी चुनावी रणनीति पर विचार करने की चुनौती खड़ी कर दी है। उनका कहना है कि चाहे सड़क टूटी हो या नदी उफान पर, वह जनता तक पहुँचने का हर संभव प्रयास करेंगी।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा