नीतीश कुमार को हटाने की बीजेपी ने कर ली फुलप्रूफ तैयारी ? बिहार विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व कार्ड खेलेगी भाजपा, बनाएगी अपना सीएम ! जानिए कैसे
बिहार में भले ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के चुनाव लड़ने की बातें हो रही हों लेकिन भाजपा के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों के हालिया बयान ने बिहार को लेकर बीजेपी के नब्ज टटोलने वाली रणनीति का संकेत दिया है. इसमें बिहार में अपने बलबूते भाजपा की

Bihar Assembly Elections : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए भले ही अपनी एकजुटता की बातें कर रहा हो लेकिन भीतरखाने एक दूसरे को सेट का खेल खेलने का संकेत भी मिलता रहता है. हाल के समय में भाजपा के शीर्ष नेताओं के कई ऐसे बयान भी रहे हैं जिसमें सीधे तौर पर नीतीश कुमार की नीतियों से अलग मुद्दे पर चुनाव लड़ने और सीएम फेस के रूप में भाजपा के नेता को आगे करने की बातें सामने आई हैं. ऐसे भी राजनीति में कोई भी बयान बिना किसी रणनीति के नहीं दिया जाता है. वह भी जब चुनावी साल हो तो कुछ भी बोलने का बड़ा दूरगामी असर पड़ता है. भाजपा पहली बार बिहार में अपने सिद्धांतों पर सियासत करने का संकेत दे रही है. इतना ही नहीं नीतीश कुमार की जगह मुख्यमंत्री का विकल्प भी बताया जाने लगा है. ऐसे में यह भाजपा और जदयू के बीच दूरियों को बढ़ाने वाला हो सकता है.
चुनाव में हिंदुत्व होगा मुद्दा !
मार्च में बिहार दिवस का आयोजन मध्य प्रदेश में किया गया. भोपाल में आयोजित स्नेह मिलन सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संकेत दिया कि इस बार बिहार में भाजपा मंदिर और हिंदुवाद के मुद्दे पर चुनाव में उतर सकती है. उन्होंने हा था कि जब सोमनाथ मंदिर बनकर तैयार हुआ था तब उदघाटन के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को बुलाया था. लेकिन, तब नेहरू ने विरोध किया था और उद्घाटन में शामिल नहीं हुए थे. लेकिन, उस दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि मैं आउंगा और उन्होंने मंदिर का समर्थन किया था. उसी दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा इस मुद्दे को बिहार चुनाव में तेजी से उठाएगी. ऐसे में जहां अब तक नीतीश कुमार ने बिहार में हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर कभी भी चुनाव को हावी होने नहीं दिया है उसके बाद भी खुलकर मंदिर के मुद्दे को उठाने का मोहन यादव का बयान भी एक रणनीति का हिस्सा ही माना जा रहा है.
तुष्टीकरण में अंधा लालू परिवार
हिंदूवादी राजनीति का एक बड़ा संकेत भाजपा ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर भी दिया. वक्फ बिल को लेकर राजद पर हमला बोलते हुए बिहार भाजपा के ट्विटर पर की गई एक पोस्ट में लिखा गया 'तुष्टीकरण में अंधा लालू परिवार एंड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी!' आगे लिखा गया है. क्या बिहार कभी ये भूल पाएगा? हिन्दू विरोध- लालू ने महाकुंभ को 'फालतू' कह कर सनातन का अपमान किया था. वहीं तेजस्वी पर हमला बोलते हुए लिखा- तुष्टीकरण- लालू के लाल ने सरकार बनने पर वक्फ बिल को 'कूड़ेदान' में डालने की धमकी दी थी. जो विपक्ष में रह कर रहे अपमान उनके सत्ता पाते ही क्या होगा अंजाम ? भाजपा का यह ट्वीट हिंदुओं को जागरूक करने के एक संदेश के रूप में देखा जा रहा है. यानी इसे हिंदूवादी राजनीति का संकेत माना जा रहा है.
सम्राट चौधरी को बताया सीएम फेस
बिहार में नीतीश कुमार इस बार एनडीए के सीएम फेस होंगे या नहीं इसे लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इन सबके बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है. सैनी ने कहा है कि इस बार बिहार का चुनाव सम्राट चौधरी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. उनके इस बयान के बाद बिहार भाजपा के नेताओं ने डैमेज कंट्रोल करते हुए इसे गलत तरीके से पेश करने की बातें कहीं. लेकिन राजनीति में कोई भी बयान यूं ही नहीं दिया जाता बल्कि उसके हिसाब से कई बार माहौल को टटोला जाता है. माना जा रहा है कि सीएम सैनी ने धीरे से इस बात को आगे बढ़ाया है ताकि माहौल को भांपा जा सके.
जदयू के लिए टेंशन वाला बयान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का चुनाव में मंदिर के मुद्दा उठाने वाला बयान हो या फिर नायब सिंह सैनी का सम्राट को सीएम फेस के रूप में पेश करने का संकेत यह जदयू के लिए टेंशन वाली स्थिति है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू की राजनीति में हमेशा ही सबके विकास पर केन्द्रित रही है. वहीं 2005 से हमेशा ही एनडीए के साथ जदयू के चुनाव में उतरने पर नीतीश कुमार ही सीएम फेस के तौर पर पेश किये गये है. लेकिन यह पहला मौका है जब इन दोनों मुद्दों पर भाजपा के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ऐसे बयान दिए हैं जो जदयू को असहज करने वाला है.