Bollywood casting couch: बॉलीवुड के हैंडसम एक्टर ने किया है कास्टिंग काउच का अनुभव!साझा की दर्दभरी कहानी, कहा- 'मुझे उन्होंने 2 बार...'
Bollywood casting couch: चाइल्ड एक्टर से हीरो बनने वाले आफताब शिवदासानी ने हाल ही में एक शो में कास्टिंग काउच के अपने अनुभव को साझा किया। जानिए उनके फिल्मी सफर, संघर्ष और सफलता की कहानी।
Bollywood casting couch: बॉलीवुड के चॉकलेटी और मासूम चेहरे वाले एक्टर आफताब शिवदासानी ने हाल ही में अपने संघर्ष के दिनों का एक कड़वा और चौंकाने वाला अनुभव साझा किया। रितेश देशमुख और साजिद खान के शो ‘यादों की बारात’ में आफताब ने पहली बार खुलकर कास्टिंग काउच पर बात की।
आफताब शिवदासानी ने कहा कि जब मैं म्यूज़िक वीडियो और मॉडलिंग कर रहा था, एक व्यक्ति ने मुझे फिल्म देने का वादा किया। फिर एक रात उसने होटल में बुलाया… मैं समझ गया कि कुछ ग़लत है और मैंने उससे दूरी बना ली। उनके इस बयान ने इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच की गंभीरता और व्याप्तता को फिर उजागर किया है, और यह भी दिखाया कि पुरुष कलाकार भी इससे अछूते नहीं हैं।
7 साल की उम्र में एक्टिंग की शुरुआत
आफताब ने महज 7 साल की उम्र में फिल्मों में काम करना शुरू किया। 80 और 90 के दशक में वे कई सुपरहिट फिल्मों में नजर आए, जिनमें उनका चेहरा आज भी दर्शकों को याद है।
आफताब की बाल कलाकार वाली फिल्में:
फिल्म का नाम वर्ष
मिस्टर इंडिया 1987
शहंशाह 1988
चालबाज़ 1989
अव्वल नंबर 1990
सी.आई.डी. 1990
इंसानियत 1994
उनकी मासूम आंखों और नैचुरल परफॉर्मेंस ने उन्हें 90 के दशक के सबसे पसंदीदा चाइल्ड आर्टिस्ट्स में शामिल कर दिया था।
मस्त से बतौर हीरो धमाकेदार डेब्यू
1999 में, आफताब शिवदासानी ने बतौर लीड एक्टर राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘मस्त’ से बॉलीवुड में एंट्री ली। फिल्म में उनके अपोज़िट थीं उर्मिला मातोंडकर, और यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही।इसके बाद आफताब ने लव के लिए कुछ भी करेगा, कसूर, आवारा पागल दीवाना, डूबारा, हंगामा, और 1920: एविल रिटर्न्स जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया।
बड़े पर्दे से दूर, लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव
हाल के वर्षों में आफताब फिल्मों से थोड़े दूरी पर हैं, लेकिन वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। फैमिली पोस्ट्स, ट्रैवल वीडियोज़ और सोशल अवेयरनेस कंटेंट के ज़रिए वो अपने फैंस से जुड़े हुए हैं।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
आफताब शिवदासानी की कहानी संघर्ष, टैलेंट और ईमानदारी का प्रतीक है। उन्होंने जिस तरह से कास्टिंग काउच जैसी संवेदनशील बात को सामने लाकर साहस दिखाया, वह इंडस्ट्री में बदलाव की मांग को और मजबूत करता है।