ये कैसी गड़बड़! 7 गांव ही हो गए 'गायब', न जन्म का रिकॉर्ड... न मृत्यु प्रमाण पत्र
झारखंड के चतरा में सात गांवों के नाम सरकारी रिकॉर्ड से गायब हो गए हैं। पोर्टल पर नाम नहीं होने से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं और ग्रामीण सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। विधानसभा में भी मुद्दा उठा, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

झारखंड के चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड के सात गांवों के नाम राज्य सरकार की सांख्यिकी वेबसाइट से गायब हो गए हैं. सरकारी रिकॉर्ड में इन गांवों का कोई जिक्र नहीं है, जिससे यहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है. पिछले साढ़े तीन साल में इन गांवों में न तो किसी का जन्म दर्ज हुआ है और न ही किसी का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ है. सरकारी पोर्टल पर इन गांवों का कोई डेटा नहीं है, जिससे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
हंटरगंज के बारा, बेदौली, चटनिया, डंडई, गोवरडीह, बसरिया और भोक्ताडीह गांवों के नाम सांख्यिकी पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं. इस वजह से इन गांवों में जन्मे बच्चों और मरने वाले व्यक्तियों का कोई प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है. यह समस्या अक्टूबर 2021 से बनी हुई है, जबकि पहले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र ऑफलाइन बनते थे.
प्रशासन से लेकर विधानसभा तक मामला उठा, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। सरकारी पोर्टल से गांवों के नाम गायब होने से ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वे बार-बार प्रखंड कार्यालय और जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इस मुद्दे को लेकर स्थानीय विधायक जनार्दन पासवान ने भी विधानसभा में मामला उठाया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
जानकारी के मुताबिक, जब राजस्व गांवों की सूची ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड की जा रही थी, तब गलती से इन सात गांवों के नाम छूट गए। इसके कारण सरकारी रिकॉर्ड में इन गांवों का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसके कारण ग्रामीणों को सरकारी योजनाएं, राशन कार्ड, स्कूल एडमिशन समेत अन्य जरूरी दस्तावेज बनवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गांव के लोग लगातार अधिकारियों से इस समस्या का समाधान निकालने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार जल्द से जल्द इन गांवों के नाम पोर्टल पर अपडेट करे, ताकि वे भी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला तो ग्रामीण बड़े आंदोलन की तैयारी कर सकते हैं।