Jharkhand News: आतंकियों के स्लीपर सेल का अड्डा बनते जा रहा है यह राज्य, गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ के बाद हुए कई अहम खुलासे
Jharkhand News: झारखंड एटीएस की टीम ने अभी पिछले महीने हीं धनबाद से गिरफ्तार आतंकवादियों से पूछताछ के बाद यह जारकारी दी है कि झारखंड के कई इलाकों में इनका गिरोह सक्रिय है।

Dhanbad: झारखंड एटीएस ने पिछले महीने धनबाद के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की. इस दौरान टीम ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर से जुड़ने के आरोप में पांच संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि ये आतंकी सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठन के साथ जोड़ते थे। साथ ही सभी आतंकी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी शामिल थे।
स्लीपर सेल के रुप में किया जा रहा है इस्तेमाल
ऐसे में आशंका जतायी जा रही है कि आतंकी संगठन झारखंड का प्रयोग स्लीपर सेल बनाने के लिये कर रहे हैं, ताकि ये संगठन सुरक्षित रूप से अपना नेटवर्क बढ़ाकर समय आने पर इन स्लीपर सेल्स का इस्तेमाल कर सकें।
पहले भी मिल चुके हैं कई संकेत
बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली पुलिस की एटीएस ने साल 2024 में राज्य से आतंकी संगठन से जुड़े संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इस दौरान रांची के डॉक्टर इश्तियाक सहित चार लोगों को अल कायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट आतंकी संगठन से जुड़े होने के आरोप में अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद एटीएस की टीम ने साल 2024 में ही गोड्डा और हजारीबाग से एक-एक युवक को आइएसआइएस की विचारधारा फैलाने के आरोप में जेल भेजा था।
कई आतंकी को किया गया है गिरफ्तार
2025 के शुरूआत में भी एनआइए की टीम ने लोहरदगा से एक युवक को गिरफ्तारी किया था। एनआइए ने आइएसआइएस का आतंकी होने के आरोप में छापेमारी कर फैजान अंसारी को अरेस्ट किया था। साथ ही जनवरी 2025 में दिल्ली पुलिस ने एटीएस की मदद से लोहरदगा में छापेमारी की थी। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने अलकायदा मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकी शहवाज अंसारी को गिरफ्तार किया था।
झारखंड एटीएस ने किए कई अहम खुलासे
अभी पिछले ही महीने झारखंड एटीस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए धनबाद से एक महिला समेत चार आतंकियों को गिरफ्तार किया था, जिनसे पूछताछ के बाद पता चला कि इनके तार आतंकी संगठन हिज्ब उत-तहरीर से जुड़े हैं। ऐसे में यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि आतंकी संगठन झारखंड के विभिन्न जिलों का इस्तेमाल स्लीपर सेल के रूप में करते आ रहे हैं।