Earthquake in jharkhand: बिहार के पड़ोसी राज्य में कांपी धरती, करीब पांच सेकंड तक महसूस हुए झटके, जानें कितनी थी तीव्रता
Earthquake in jharkhand: बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। जिससे लोगों में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया।
Earthquake in jharkhand: बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। मिली जानकारी अनुसार शनिवार की सुबह झारखंड के कई जिलों में भूकंप के झटकों महसूस किए गए हैं। जिससे अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। भूकंप का केंद्र खसरांवा जिले से लगभग 13 किलोमीटर दूर था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई। लगभग 5 सेकंड तक चले इन झटकों ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया।
5 सेकंड तक डोलती रही धरती
बताया जा रहा है कि शनिवार की सुबह करीब 9:20 बजे झारखंड में अचानक धरती हिलने लगी। जिससे जमशेदपुर और रांची के तमाड़ समेत कई इलाकों में दहशत फैल गई। हालांकि, फिलहाल किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप के झटके महसूस होने पर सभी लोग अपने घर से बाहर निकल गए।
क्यों आता है भूकंप
जानकारी अनुसार भूकंप का केंद्र खूंटी था। भूकंप के झटके राजधानी रांची, जमशेदपुर और चाईबासा में भी महसूस किए गए। फिलहाल भूकंप से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। भूंकप के आने की वजह की बात करे तो भूकंप पृथ्वी की पपड़ी के अंदर होने वाली हलचल के कारण आता है। पृथ्वी की पपड़ी कई बड़ी और छोटी टेक्टोनिक प्लेटों से बनी हुई है। ये प्लेटें लगातार गतिशील रहती हैं और आपस में टकराती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में रगड़ खाती हैं या टूटती हैं, तो भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, जिसके कारण धरती हिलने लगती है और भूकंप आता है।
भूकंप आने के मुख्य कारण:
टेक्टोनिक प्लेटों की गति: यह भूकंप का सबसे प्रमुख कारण है। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, खिंचती हैं या फिसलती हैं, तो भूकंप आता है।
ज्वालामुखी: ज्वालामुखी के फटने से भी भूकंप आ सकते हैं।
भूस्खलन: बड़े पैमाने पर भूस्खलन भी भूकंप का कारण बन सकते हैं।
मानवीय गतिविधियां: बड़े बांधों का निर्माण, खनन और परमाणु परीक्षण भी कभी-कभी भूकंप का कारण बन सकते हैं।
भूकंप की तीव्रता:
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर मापी जाती है। यह एक लघुगणकीय पैमाना है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक पूर्ण संख्या में तीव्रता दस गुना बढ़ जाती है।
भूकंप के दौरान क्या करें:
शांत रहें: घबराएं नहीं और शांत रहें।
खुली जगह पर जाएं: यदि आप घर के अंदर हैं, तो किसी मजबूत मेज या बिस्तर के नीचे छिप जाएं। यदि आप बाहर हैं, तो खुली जगह पर जाएं।
बिजली और गैस के कनेक्शन बंद कर दें: भूकंप के दौरान बिजली के तार टूट सकते हैं या गैस लीक हो सकती है, इसलिए इन कनेक्शनों को बंद कर देना चाहिए।
भारी वस्तुओं से दूर रहें: भारी वस्तुएं गिरकर चोट पहुंचा सकती हैं, इसलिए उनसे दूर रहें।
भूकंप के बाद क्या करें:
अपने आसपास के लोगों की मदद करें: यदि कोई घायल हो, तो उसे तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करें।
रेडियो या टेलीविजन पर समाचार सुनें: अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।
अपने घर को सुरक्षित बनाएं: भूकंप के बाद अपने घर को सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।