jharkhand election 2024: झारखंड चुनाव के पहले बीजेपी को डरा रहा खतरा! लगाए आरोप, कहा-फोन हो रहे टेप, मरने का भी डर
बीजेपी ने फोन टेपिंग सामेत अन्य गंभीर मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए अपने नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है। इस घटना ने झारखंड में चुनावी माहौल को और गरमा दिया है।
Jharkhand election 2024: रांची में झारखंड बीजेपी के नेताओं और पदाधिकारियों की फोन टैपिंग का मामला सामने आया है, जिसे लेकर बीजेपी नेताओं ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। बीजेपी का आरोप है कि सरकार के इशारे पर पुलिस के उच्च अधिकारी उनकी फोन टैपिंग करवा रहे हैं। इस संदर्भ में बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुधीर श्रीवास्तव के नेतृत्व में पार्टी के एक शिष्टमंडल ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की।
फोन टैपिंग और रेकी का आरोप
बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि पार्टी नेताओं का न केवल फोन टैप किया जा रहा है बल्कि उनकी रेकी भी की जा रही है। इसके साथ ही बीजेपी नेताओं के आवास और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। उनका कहना है कि ये सारी कार्रवाई सरकार के इशारे पर पुलिस द्वारा की जा रही है, जिसका उद्देश्य बीजेपी नेताओं को डराना और उन्हें चुनाव से पहले कमजोर करना है।
चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं की सुरक्षा पर चिंता
सुधीर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि पुलिस का रवैया ऐसा है जिससे लगता है कि चुनाव के दौरान कुछ बीजेपी नेताओं की हत्या करवाई जा सकती है। उन्होंने यह आशंका जताई कि इस तरह के कदम चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने और बीजेपी नेताओं को निशाना बनाने के इरादे से उठाए जा रहे हैं।
आदर्श आचार संहिता और आरपी एक्ट का उल्लंघन
बीजेपी के मुताबिक, फोन टैप करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, जो चुनाव आयोग द्वारा लागू की गई नियमावली के खिलाफ है। इसके अलावा, चुनाव के दौरान किसी नेता या व्यक्ति की फोन टैपिंग करना आरपी एक्ट की धारा 123(7) और भारतीय टेलीग्राफ एक्ट की धारा 5(2) के तहत अपराध माना जाता है। सुधीर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि राज्य के उच्च अधिकारियों की संलिप्तता के बिना इस तरह की फोन टैपिंग संभव नहीं है।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया और जांच का आदेश
बीजेपी नेताओं द्वारा प्रस्तुत शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस मामले में तथ्यों की जाँच करने और आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी नेता पुष्कर तिवारी भी शामिल थे।