Jharkhand News : झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को मिला दिल्ली हाईकमान से नया निर्देश, बात नहीं मानने पर गंवानी पड़ सकती है कुर्सी

Jharkhand News : झारखण्ड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के लिए दिल्ली हाईकमान ने नया फरमान जारी किया है. इसकी अवहेलना करने पर मंत्रियों को कुर्सी भी गंवानी पड़ सकती है....पढ़िए आगे

Jharkhand News : झारखंड में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को मिला दिल्ली हाईकमान से नया निर्देश, बात नहीं मानने पर गंवानी पड़ सकती है कुर्सी
हाईकमान का नया फरमान - फोटो : ABHISHEK SUMAN

RANCHI : झारखंड की वर्तमान सरकार में कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से एक बड़ा आदेश जारी किया गया है। इस दायित्व का सही तरीके से निर्वहन नहीं करने पर मंत्रियों को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ सकती है।

संगठन को साथ लेकर चलने का आदेश

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने सभी मंत्रियों को संगठन को साथ लेकर चलने को कहा है। पिछली सरकार में भी इस प्रकार की कोशिश केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा की गई थी और जिन मंत्रियों ने इसकी अवहेलना की थी। उनके विभाग को भी बदला गया था।

तीन महीनें पर होगी काम की समीक्षा

केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि हर तीन महीने पर मंत्रियों के काम की समीक्षा की जाएगी और अगर मंत्री अपने काम में विफल रहे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।

कार्यकर्ताओं को होती है सर्वाधिक उम्मीद

इस आदेश में कहा गया है कि मंत्रियों से सर्वाधिक उम्मीदें कार्यकर्ताओँ की होती है। मंत्री बनने के बाद उनके लिए पूरा संगठन ही कार्यकर्ता के तौर पर कार्य करता है। इतने लोगों की उम्मीदों पर खरा होना वाकई आसान नहीं है। काम से अधिक शिकायतें मिलने लगती है और इसी स्थिति को झेलने के लिए मंत्रियों को तैयार रहना होगा।इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कहा कि मंत्रियों को इसके लिए बार-बार प्रेरित किया जाता रहा है। सबको छोड़कर कार्यकर्ताओं के उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए।

पप्पु यादव ने भी किया सभा को संबोधित

 इस बीच पूर्णिया से निर्दलिय सांसद पप्पु यादव ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। उन्होंने कही कि केजरीवाल के अहंकार के चलते दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार हुई और भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस का साथ जरुरी है। बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा करते समय बातों का ध्यान रखना होगा।

अभिषेक सुमन की रिपोर्ट


Editor's Picks