Jharkhand News: झारखंड के किसानों को हेमंत सरकार ओर से मिली बड़ी सौगात, अब इस योजना के अंतर्गत मिलेगी किसानों को सहायता

Jharkhand News: झारखंड के किसानों को हेमंत सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। झारखंड के कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किसान समृद्धि योजना के तहत दो एचपी का सोलर पंप देने की घोषणा की है।

Jharkhand News: झारखंड के किसानों को हेमंत सरकार ओर से मिली बड़ी सौगात, अब इस योजना के अंतर्गत मिलेगी किसानों को सहायता
झारखंड के किसानों को हेमंत सरकार ओर से मिली बड़ी सौगात- फोटो : SOCIAL MEDIA

Ranchi:  झारखंड राज्य किसान सिंचाई के लिए अक्सर बरसात पर निर्भर करते है। ऐसे मे जब कभी कम बारिश होती है तो किसानों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सिंचाई करनी पड़ती है, जिससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए कृषि विभाग अब राज्य के किसानों को दो एचपी (हार्स पावर) का सोलर पंप दे रही है। इस योजना का नाम किसान समृद्धि योजना रखा गया है।

इस योजना के तहत मिलेगा 90% का अनुदान

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर में किसानों को सोलर पंप दिया। उक्त पंप 90 प्रतिशत अनुदान पर दिया जा रहा है। किसान को मात्र 10 प्रतिशत राशि देनी पड़ती है।इसकी लागत 1.80 लाख और 1.81 लाख है। यह सोलर पंप एक ट्राली पर लगा होता है, जिसको काम होने के बाद किसान अपने घर ले जाता है। ऐसे में इसके चोरी होने की संभावना पूरी तरह से समाप्त हो जाती है।

करीब 8500 सोलर पंप देने का रखा गया है लक्ष्य

राज्य में करीब 8500 सोलर पंप देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए किसानों को आवेदन करना पड़ता है। अब तक राज्य से 15 हजार किसानों ने सोलर पंप प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया है। इसके लिए किसानों को प्रज्ञा केंद्र से ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। आवेदन को पहले ग्राम सभा से अनुशंसा की जाती है। इसके बाद किसान का आधार कार्ड, राशन काड्र, और जमीन के दस्तावेज को अपलोड करना पड़ता है। फिर जिले के पदाधिकारी इसकी जांच कर अनुशंसा देते हैं। अंत में कृषि निदेशालय से उक्त आवेदन पर सोलर पंप दिए जाने की अनुमति दी जाती है। उसके बाद कार्यदायी संस्था के जरिए किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराया जाता है।

किसानों के पैसे की होगी बचत

सोलर पंप दिए जाने से राज्य के किसानों की पैसे की भी बचत होगी। क्योंकि सिंचाई के लिए उन्हें डीजल पंप चलाने पड़ते थे, जिससे पैसे के साथ-साथ पर्यावरण भी दूषित होता था। सोलर पंप के जरिए किसान अपनी खेतों में पानी पटवन करते हैं, तो उन्हें किसी प्रकार की राशि खर्च नहीं करनी पड़ती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता है।

जिन किसानों को सोलर पंप मिला है उनका कहना है कि इससे बचने वाले पैसे बच्चों की शिक्षा और घर के अन्य सामान पर खर्च किया जाएगा। पहले डीजल पंप चलाने के लिए किसी पर निर्भर होना पड़ता था।


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