Netarhat school - पहली बार बेटियों के लिए खुला नेतरहाट विद्यालय का दरवाजा, सीएम हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला

Netarhat school - नेतराहाट स्कूल स्थापना के बाद से सबसे बड़ा बदलाव करने जा रही है। स्कूल में अब लड़कियों के एडमिश का रास्ता साफ हो गया है।

Ranchi - पटना में लालू प्रसाद का आशीर्वाद लेने के  बाद रांची   लौटे सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य की बेटियों के लिए बड़ी घोषणा कर दी है। झारखंड सरकार ने बेहतरीन शिक्षा के लिए देश भर में चर्चित नेतरहाट विद्यालय में लड़कियों के एडमिशन का रास्ता साफ कर दिया है। उन्होंने घोषणा की है कि अब से नेतरहाट विद्यालय में लड़कियां भी पढ़ाई कर सकेंगी।

यह कदम कई दशकों से लड़कों के लिए विशेष रूप से स्थापित इस प्रतिष्ठित संस्थान के नियमों में एक बड़ा बदलाव है। इस निर्णय से झारखंड की छात्राओं को भी गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा का अवसर मिलेगा। इस कदम को शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

नए सत्र से शुरू होगी प्रक्रिया

सरकार ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार, अगले शैक्षणिक सत्र से लड़कियों का दाखिला शुरू हो जाएगा। इसके लिए विद्यालय प्रबंधन को बुनियादी ढांचे और अन्य आवश्यक सुविधाओं को विकसित करने के लिए भी कहा गया है। इसमें लड़कियों के लिए अलग छात्रावास, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य संबंधित सुविधाएं शामिल हैं।

शिक्षा मंत्री ने की पुष्टि

शिक्षा मंत्री ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय लंबे समय से विचाराधीन था। उन्होंने कहा, "नेतरहाट जैसी संस्था में केवल लड़कों को शिक्षा देना ठीक नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारी बेटियों को भी समान अवसर मिलें। 

यह कदम उन्हें सशक्त बनाएगा और राज्य के विकास में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देगा।" उन्होंने यह भी बताया कि इस फैसले से लड़कियों के बीच प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि नेतरहाट विद्यालय अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक परिणामों के लिए जाना जाता है।

विभिन्न तबकों से हो रही है प्रशंसा

इस फैसले का विभिन्न तबकों द्वारा स्वागत किया गया है। शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अभिभावकों ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। उनका मानना है कि यह निर्णय न केवल लड़कियों के लिए नए अवसर पैदा करेगा, बल्कि नेतरहाट विद्यालय की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाएगा, जिससे यह देश के एक और अधिक समावेशी और प्रगतिशील शैक्षिक संस्थान के रूप में स्थापित होगा।

इससे पहले सीएम सोरेन ने मुख्यमंत्री ने जैक, सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड की 10वीं तथा 12वीं के टॉपरों को पुरस्कृत किया। प्रत्येक को तीन-तीन लाख, लैपटाप तथा मोबाइल दिए गए। जैक के टापरों को स्कूटी भी दी गई है। 

इस दौरान 909 सहायक आचार्य, 33 प्लस टू शिक्षक तथा इतने ही प्रयोगशाला सहायक को नियुक्ति पत्र भी बांटे गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष से पास आउट होकर स्कूल से निकलते ही सभी टापर को पुरस्कार राशि दी जायेगी, ताकि उसका उपयोग नामांकन में किया जा सके।

उन्होंने कहा, इस बार भी उन्होंने इसके निर्देश दिये थे, लेकिन गुरुजी की तबीयत खराब होने तथा बाद में उनके निधन होने से देर हुई, बाद में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का भी आकस्मिक निधन हो गया।