झारखंड में सामूहिक हत्याकाण्ड में अदालत का ऐतिहासिक फैसला,दी ये सजा
झारखंड में 5 लोगों की नृशंस हत्याकाण्ड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिन्द्र नाथ सिन्हा की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए आरोपी को फांसी की सजा, 20,000 रुपये का जुर्माना और दो साल की अतिरिक्त सजा सुनाई.
N4N डेस्क: झारखंड में पाँच लोगों की नृशंस हत्या के एक दुर्लभतम में दुर्लभ मामले में, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सचिन्द्र नाथ सिन्हा की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए, मुख्य आरोपी चुन्नु मांझी उर्फ पुतस मांझी को फांसी की सज़ा सुनाई है।
अदालत ने इस जघन्य हत्याकांड के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत फांसी के साथ ₹20,000 का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा, धारा 427 के तहत दो साल की अतिरिक्त सज़ा सुनाई गई है।
रिश्तेदार के घर घुसकर कुल्हाड़ी से की थी हत्या
यह हृदयविदारक घटना 23 फरवरी 2019 को चांडिल थाना (कपाली ओपी क्षेत्र) के अंतर्गत हुई थी। अभियुक्त चुन्नु मांझी सुबह लगभग 4 बजे अपने ही रिश्तेदार रवि मांझी के घर कुल्हाड़ी लेकर पहुँचा। उसने रवि मांझी, उनकी पत्नी कल्पना उर्फ पावों, और उनके तीन बच्चों—जितेंद्र, सुरेश और पुरेश—की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी।
हत्या करने के बाद, अभियुक्त ने दरवाजा खोलने पर घर में मौजूद अन्य परिजनों पर भी हमला किया और वहाँ खड़ी मोटरसाइकिल समेत घर को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस और फॉरेंसिक साक्ष्य
यह मामला मृतक रवि मांझी के भाई सिद्धू सोरेन के बयान पर दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसी दिन तत्परता दिखाते हुए चुन्नु मांझी को गिरफ्तार कर लिया था।
प्रभारी अपर लोक अभियोजक हर्ष वर्धन ने अभियुक्त के कृत्य को समाज के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कठोरतम सज़ा की माँग की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 11 गवाहों की गवाही कराई गई और हत्या में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी को सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया गया।
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट और अन्य तकनीकी साक्ष्यों ने भी अभियुक्त के अपराध को साबित करने में निर्णायक भूमिका निभाई।