Doctor Advice for Strong Bone: भारतीय खाने की ये 3 दालें हैं सबसे ताकतवर, डॉक्टर ने बताया क्यों रोज़ डाइट में जरूरी हैं, हड्डियों के लिए क्यों है जरूरी

Doctor Advice for Strong Bone: डॉक्टर सलीम जैदी के अनुसार मसूर, मूंग और उड़द की दाल सबसे ताकतवर हैं। जानिए इनमें मौजूद पोषक तत्व और सेहत के जबरदस्त फायदे।

डॉक्टर के मुताबिक सबसे ताकतवर 3 दालें- फोटो : social media

Doctor Advice for Strong Bone: भारतीय भोजन में दाल को सिर्फ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण सेहत के लिए जरूरी माना जाता है। रोज़ दाल खाने से शरीर को ताकत मिलती है, कमजोरी दूर होती है और हड्डियां मजबूत रहती हैं। दालें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम और फाइबर का ऐसा प्राकृतिक स्रोत हैं, जो शाकाहारी लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। लेकिन सभी दालें एक जैसी नहीं होतीं। हर दाल का पोषण और असर अलग होता है।

प्रसिद्ध डॉक्टर सलीम जैदी के अनुसार, अगर ओवरऑल न्यूट्रिशन की बात की जाए तो तीन दालें ऐसी हैं, जो शरीर को सबसे ज्यादा फायदा देती हैं। ये दालें हैं मसूर की दाल, मूंग दाल और उड़द की दाल।

मसूर की दाल क्यों मानी जाती है खून बढ़ाने वाली दाल

मसूर की दाल को सबसे संतुलित दालों में गिना जाता है। यह दाल हल्की होती है, जल्दी पच जाती है और इसके पोषक तत्व शरीर में आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक, मसूर की दाल में फैट बहुत कम होता है लेकिन प्रोटीन और आयरन की मात्रा काफी अच्छी होती है। मसूर की दाल नियमित रूप से खाने से शरीर में नए खून के बनने की प्रक्रिया तेज होती है। जिन लोगों को जल्दी थकान महसूस होती है, कमजोरी रहती है या हीमोग्लोबिन कम है, उनके लिए यह दाल बेहद फायदेमंद मानी जाती है। ऑफिस में लंबे समय तक बैठकर काम करने वाले लोगों के लिए भी मसूर की दाल शरीर को एनर्जी देती है।

मूंग दाल: पेट और दिल दोनों के लिए सबसे सुरक्षित

मूंग दाल को सबसे हल्की और सात्विक दाल माना जाता है। यह दाल बीमार व्यक्ति से लेकर बच्चों और बुजुर्गों तक सभी के लिए सुरक्षित होती है। मूंग दाल पाचन तंत्र पर दबाव नहीं डालती और पेट को शांत रखती है। डॉक्टरों के अनुसार मूंग दाल डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है क्योंकि यह ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाती। इसके अलावा यह दिल को स्वस्थ रखने, वजन कम करने और शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल घटाने में भी मदद करती है। मूंग दाल लिवर को डिटॉक्स करने का काम भी करती है, जिससे शरीर अंदर से साफ रहता है।अगर मूंग दाल को चावल के साथ खाया जाए, तो शरीर को सभी जरूरी अमीनो एसिड मिल जाते हैं, जिससे यह एक परफेक्ट मील बन जाती है।

उड़द की दाल: हड्डियों और नसों की असली ताकत

उड़द की दाल को आयुर्वेद में शक्ति बढ़ाने वाली दाल कहा गया है। इस दाल में कैल्शियम की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, इसलिए यह हड्डियों और जोड़ों के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द, नसों की कमजोरी या शरीर में ताकत की कमी महसूस होती है, उनके लिए उड़द की दाल बहुत उपयोगी होती है।हालांकि उड़द की दाल थोड़ी भारी होती है, इसलिए कमजोर पाचन वाले लोगों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए। इडली, डोसा या फर्मेंटेड रूप में उड़द की दाल खाने से यह आसानी से पच जाती है और शरीर को ज्यादा फायदा पहुंचाती है।

दाल खाने का सही तरीका क्या है

डॉक्टर सलीम जैदी का कहना है कि सिर्फ एक ही दाल रोज़ खाने से शरीर को सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते। बेहतर सेहत के लिए जरूरी है कि हफ्ते में अलग-अलग दालों को डाइट में शामिल किया जाए। कभी मसूर, कभी मूंग और कभी उड़द की दाल खाने से शरीर को प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम तीनों संतुलित रूप में मिलते हैं।दाल बनाते समय देसी घी में जीरा और हींग का तड़का लगाने से न सिर्फ स्वाद बढ़ता है, बल्कि पाचन भी बेहतर होता है। इससे दाल के पोषक तत्व शरीर में ज्यादा अच्छे से काम करते हैं।