त्योहारों पर फूड डिलीवरी होगी महंगी! Zomato ने प्लेटफॉर्म फीस में किया इजाफा
एक और बुरी खबर खाने के शौकीनों के लिए! त्योहारों के सीजन में जहां हर कोई खूब खाना पीना चाहता है, वहीं जोमैटो ने फूड डिलीवरी को और महंगा कर दिया है। जी हां, जोमैटो ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी कर दी है जिससे अब आपको ऑनलाइन खाना ऑर्डर करना पहले
फूड डिलीवरी की दुनिया में पॉपुलर ऐप जोमैटो ने त्योहारों के मद्देनजर अपने प्लेटफॉर्म फीस में बढ़ोतरी की है। कंपनी ने घोषणा की है कि वह अब कुछ शहरों में प्लेटफॉर्म फीस के रूप में 10 रुपये तक का अतिरिक्त शुल्क वसूल रही है। इस कदम का उद्देश्य जोमैटो के बढ़ते खर्चों को कवर करना और व्यस्त फेस्टिव सीजन में बेहतर सेवाएं प्रदान करना है।
क्या है प्लेटफॉर्म फीस?
जोमैटो ने अगस्त 2023 में पहली बार प्लेटफॉर्म फीस की शुरुआत की थी, जो उस समय केवल 2 रुपये थी। धीरे-धीरे इसे बढ़ाते हुए अब त्योहारों के सीजन में इसे 10 रुपये तक कर दिया गया है। इस फीस के माध्यम से कंपनी अपनी संचालन लागतों को मैनेज करती है और ग्राहकों को बिना किसी बाधा के फूड डिलीवरी सेवा प्रदान करती है।
त्योहारों के समय बढ़ी मांग, बढ़े शुल्क
जोमैटो ने स्पष्ट किया है कि यह बढ़ोतरी त्योहारों के दौरान उनकी सेवाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। खासकर ऐसे समय में जब फूड डिलीवरी की मांग अचानक बढ़ जाती है, कंपनी को अपने डिलीवरी नेटवर्क को मजबूत बनाए रखना पड़ता है। बढ़े हुए प्लेटफॉर्म फीस से जोमैटो को अपने ऑपरेशनल खर्चों को संतुलित करने में मदद मिलेगी।
किन शहरों में बढ़ा शुल्क?
हालांकि, जोमैटो ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किन शहरों में प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाई गई है। कंपनी ने बताया कि यह शुल्क हर शहर में अलग-अलग हो सकता है और यह एक नियमित व्यावसायिक प्रक्रिया है, जिसे समय-समय पर अपडेट किया जाता है। वर्तमान में दिल्ली जैसे बड़े शहरों में प्लेटफॉर्म फीस के तौर पर 10 रुपये तक वसूला जा रहा है।
ग्राहकों पर क्या होगा असर?
जोमैटो के प्लेटफॉर्म फीस में वृद्धि से ग्राहकों को अब अपने हर ऑर्डर पर थोड़ा अधिक भुगतान करना होगा। हालांकि, कंपनी ने यह भी कहा है कि यह फीस व्यावसायिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए लगाई गई है ताकि फेस्टिव सीजन में बिना किसी रुकावट के ग्राहकों तक सेवाएं पहुंचाई जा सकें। जोमैटो भारत के हर कोने में लोगों तक उनका पसंदीदा खाना पहुंचाने के लिए जाना जाता है। इस ऐप की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है, और इसके चलते कंपनी ने अपनी सेवाओं को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है