29 October 2024 Panchang: आज है धनतेरस पूजा, जानें खरीदारी का शुभ मुहूर्त, पंचांग की मदद से जानिए सटीक जानकारी
धनतेरस का पर्व इस वर्ष आज मंगलवार (29 अक्टूबर) को मनाया जा रहा है। इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व है। धनतेरस का त्योहार सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है।
29 October 2024 Panchang: धनतेरस का पर्व इस वर्ष आज मंगलवार (29 अक्टूबर) को मनाया जा रहा है। इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व है। धनतेरस का त्योहार सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। पंचांग अनुसार, आज की तारीख कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को पड़ रही है।
क्या है धनतेरस 2024 में शुभ मुहूर्त में खरीदारी
1. धनतेरस पर सामान्य खरीदारी का शुभ मुहूर्त:
प्रारंभ: 10:31 AM से रात्रि तक
2. सोने-चांदी की खरीदारी का मुहूर्त:
सुबह 10:31 AM से दोपहर 1:28 PM तक
दोपहर 2:51 PM से 4:15 PM तक
संध्या 7:15 PM से 8:51 PM तक
रात्रि 10:28 PM से 3:18 AM (30 अक्टूबर)
3. वाहन खरीदने का शुभ समय:
सुबह 9:18 AM से 10:41 AM तक
10:41 AM से 12:05 PM तक
12:05 PM से 1:28 PM तक
संध्या 7:15 PM से 8:51 PM तक
29 अक्टूबर 2024 का पंचांग
संवत: पिङ्गला विक्रम संवत 2081
माह: कार्तिक, कृष्ण पक्ष
तिथि: त्रयोदशी (धनतेरस), मंगलवार
सूर्योदय: 6:25 AM
सूर्यास्त: 5:58 PM
नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी (6:25 PM तक), फिर हस्त
चंद्र राशि: कन्या (स्वामी ग्रह – बुध)
सूर्य राशि: तुला (स्वामी ग्रह – शुक्र)
करण: तैतिल
योग: इंद्र
29 अक्टूबर के अन्य शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 11:51 AM से 12:35 PM तक
विजय मुहूर्त: 2:21 PM से 3:23 PM तक
गोधूलि मुहूर्त: 6:21 PM से 7:22 PM तक
ब्रह्म मुहूर्त: 4:03 AM से 5:08 AM तक
अमृत काल: 6:04 AM से 7:42 AM तक
निशीथ काल: रात्रि 11:43 PM से 12:25 AM तक (रात)
संध्या पूजन का मुहूर्त: 6:22 PM से 7:04 PM तक
दिशा शूल और राहुकाल
दिशा शूल: उत्तर दिशा, उत्तर की यात्रा से बचें। यदि यात्रा आवश्यक हो तो यात्रा एक दिन पहले निकालकर ही करें।
राहुकाल: दोपहर 3:00 PM से 4:30 PM तक (इस समय कोई शुभ कार्य न करें)।
धनतेरस पूजा और व्रत विधि
धन्वंतरि पूजन: भगवान धन्वंतरि को इस दिन आरोग्यता और स्वास्थ्य के लिए पूजा जाता है। उनकी आराधना से पाप और रोग दूर होते हैं।
खरीदारी परंपरा: सोना, चांदी, कपड़े, और बर्तन क्रय करना अत्यंत शुभ माना गया है। विशेषकर, चांदी और पीतल के बर्तन का महत्व है, जो लक्ष्मी और कुबेर का प्रतीक माने जाते हैं।
माता लक्ष्मी की उपासना: लक्ष्मी पूजन से सुख और संपत्ति में वृद्धि होती है। श्री सूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से आर्थिक उन्नति होती है।
व्रत और फलाहार: इस दिन व्रत और फलाहार करने से शरीर रोगमुक्त होता है और आयु बढ़ती है। भगवान गणेश की पूजा और श्री धन्वंतरि की आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
धनतेरस पर पूरे विधि-विधान से पूजा और खरीदारी से आपको दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा।