कोरोना के कारण भारत में 47 लाख लोगों ने गंवाई अपनी जान,WHO की रिपोर्ट पर भारत ने जतायी आपत्ती - कहा बेकार है यह रिपोर्ट

DESK : कोरोना के कारण जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक भारत में 47 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है। जो कि पूरी दुनिया में सबसे अधिक है। यह आंकड़े WHO ने जारी किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में कोरोना के कारण इस अवधि में 1.5 करोड़ लोगों की मौत हुई है। जिनमें सबसे अधिक मौतें भारत में हुई हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इस रिपोर्ट में चाइना में कोरोना से होनेवाली मौतों को काफी कम बताया गया है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद भारत की तरफ अधिकारिक रूप से आपत्ती जताते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
इस तरह तैयार की गई रिपोर्ट
WHO का कहना है कि दुनिया में कोरोना से जो आधी मौतें दर्ज नहीं हुईं, वो तो केवल भारत से ही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी की वजह से देश में तकरीबन 47 लाख लोगों की मौत हुई थी। साथ ही ज्यादातर मौतें मई और जून 2021 में आई कोरोना लहर की पीक के दौरान हुईं थीं।
डब्ल्यूएचओ ने इस आकलन के लिए 'अतिरिक्त मृत्यु' तरीके का इस्तेमाल किया है. इसका मतलब है कि महामारी से पहले किसी क्षेत्र की मृत्यु दर क्या थी. यानी उस क्षेत्र में सामान्य रूप से कितने व्यक्तियों की मौत होती है और महामारी के बाद उस क्षेत्र में कितनी लोगों की मौत हुई.
इन आंकड़ों में वे लोग भी शामिल हैं जिनकी मृत्यु सीधा कोविड की वजह से नहीं हुई, बल्कि कोविड के प्रभाव के कारण हुई, जैसे वे लोग जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल नहीं मिल पाया और उनकी मौत हो गई. इसमें कुछ क्षेत्रों में बुरी तरह से रिकॉर्ड रखने और संकट की शुरुआत में कम टेस्टिंग को भी जिम्मेदार माना है
भारत में मौतों को दस गुना अधिक बताया
भारत सरकार का कहना है कि जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक देश में सिर्फ 4 लाख 80 हजार मौतें ही हुई हैं। जबकि WHO इसमें दस गुना अधिक 47 लाख मौतें होने की बात कर रहा हैं। ऐसे में भारत की तरफ इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया है।
मीडिया की खबरों पर बनाई रिपोर्ट
भारत ने साफ कर दिया गया है कि WHO द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है. अब AIIMS डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी इस ओर इशारा कर दिया है. उनकी तरफ से तीन बड़े कारण बता दिए गए हैं जिस वजह से WHO की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. वे कहते हैं कि भारत में जन्म-मृत्यु के आंकड़े दर्ज करने का व्यवस्थित तरीका है जिसमें कोविड के अलावा हर तरह की मौत के आंकड़े दर्ज होते हैं...जबकि इस आंकड़े इस्तेमाल ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नहीं किया है.
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा है कि WHO ने जो आंकड़े जमा किये हैं जो विश्वसनीय नहीं हैं...वो कहीं से भी उठा लिये गये हैं...अपुष्ट स्रोतों से, मीडिया रिपोर्ट्स से या किसी और स्रोत से जो अवैज्ञानिक तरीके से जमा किये गये। जो कि विश्वसनीय नहीं हो सकते हैं।