भारत का एक ऐसा गांव जहां आजादी के 77 साल बाद आज पहली बार फहराया गया तिरंगा, जानिए क्या है पूरा मामला

PATNA: देश में आज पूरे जोश के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। देश आज 77 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया रहा है। लेकिन भारत का एक ऐसा राज्य भी है। जहां के गांव में आजादी के 77 साल बाद पहली बार झंडा फहराया गया है। जी हां यूं तो हमारा देश 1947 में आजाद हुआ। जिसके बाद से ही देश के हर राज्य में, हर क्षेत्र में 15 अगस्त को झंडा फहरा कर आजादी का दिन मनाया जाने लगा। लेकिन छत्तीसगढ़ के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित गांव में पूरे 77 साल बाद आज झंडोतोलन किया गया है। 

दरअसल, छत्तीसगढ़ के अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित गांव बुरगुम, तुमरीगुंडा और बड़ेगादम में पहली बार 15 अगस्त को तिरंगा फहराया गया है। बताया जा रहा कि आजादी के 77 साल के बाद आज पहली बार झंडोतोलन किया गया है। इस दौरान दंतेवाड़ा जिला पुलिस, बस्तर फाइटर्स और सारे ग्रामीण मौजूद रहे। दहशत के माहौल में एक खास पल इन गांवों में देखने को मिला है। 

बता दें कि, छत्तीसगढ़ के इन गांवों के लिए आज का दिन सबसे घास रहा। लेकिन इस खास दिन की सबसे खास बात यह रही कि जिस नक्सली ने इन इलाकों में झंडा फहराने का विरोध किया। इस बार वहीं तिरंगे को सलामी दे रहा था। जानकारी अनुसार दंतेवाड़ा जिले के तीनों गांवों को माओवादी हिंसा की वजह से अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इन गांवों में नक्सली हमेशा से ही स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार करते आए हैं। आजादी के पर्व के दिन नक्सली अंदरूनी क्षेत्रों में काला झंडा फहराकर विरोध जताते हैं।

वहीं तुमरीगुंडा इंद्रावती नदी के दूसरी ओर स्थित है, जहां बेहद घना जंगल है। पुलिस और बस्तर फाइटर्स के जवानों ने वहां जाकर तिरंगा फहराया है। बताया जा रहा कि, दंतेवाड़ा रेंज के डीआईजी कमलोचन कश्यप, दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने इस बार नक्सल प्रभावित गांवों में झंडा फहराने की रणनीति बनाई। जिसके बाद फोर्स के जवानों को लेकर पुलिस अफसर अति नक्सल प्रभावित गांव बुरगुम, तुमरीगुण्डा और बड़ेगादम पहुंचे। जहां उन्होंने पहली बार 15 अगस्त  को झंडातोलन किया। आजादी के इस जश्न में जिला पुलिस बल और बस्तर फाइटर्स के जवानों के साथ साथ बच्चे और ग्रामीण मौजूद रहे। 

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