बिहार ने बनाया नया कीर्तिमान, चार साल में बाघों की संख्या में 75 फीसदी की बढ़ोत्तरी, देश में सबसे तेज वृद्धि

पटना. बाघ संरक्षण की दिशा में बिहार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है. बिहार अब देश के उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां बाघों की संख्या 50 से ज्यादा है. बाघ दिवस पर जारी बाघों की राज्यवार संख्या के अनुसार बिहार में बाघों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है जो वर्ष 2018 की गणना के समय 31 थी. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा जारी अनुमान रिपोर्ट के अनुसार 4 साल में बिहार में बिहार में बाघों की संख्या में 75 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है. राज्य के एक मात्र वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में इस दिशा में काफी सराहनीय काम हुआ है.
वीटीआर के लिए पिछले अखिल भारतीय बाघ अनुमान (2014-2018) के दौरान केवल तीन बाघों की वृद्धि की तुलना में, अगले अनुमान (2018-2022) के दौरान संख्या में 23 की वृद्धि हुई और अब यह संख्या 2018 के 31 की तुलना में 54 हो गई है. दरअसल, वीटीआर में बाघों की संख्या 2010 में मात्र आठ थी जो वर्ष 2014 में बढ़कर 28 हुई और वर्ष 2018 में 31 बाघ हो गए. अंततः अब वर्ष 2022 में बाघों की संख्या 54 हो गई. यानी पिछले 13 साल में बिहार के वीटीआर बाघों की संख्या 8 से बढ़कर 54 हो गई है जो देश भर में एक रिकॉर्ड है.
आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में बाघों की संख्या 3682 (3172 से 3925 तक) के बीच है. इसमें सर्वाधिक बाघ वाला राज्य मध्य प्रदेश है. आंकड़ों के मुताबिक बाघों की यहां सबसे अधिक संख्या 785 बाघ है, इसके बाद कर्नाटक (563), उत्तराखंड (560) और महाराष्ट्र (444) हैं. वहीं बिहार में भी बाघों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है और यह चार साल में करीब 75 फीसदी बढ़ा है. यह देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में बिहार में सबसे ज्यादा तेजी से बाघों की संख्या में हुई वृद्धि है.
वहीं देश के कई ऐसे राज्य भी हैं जहाँ बाघों की संख्या में गिरावट आई है. अरुणाचल प्रदेश ने अपने लगभग 70 प्रतिशत बाघ खो दिए और 2018 में यहां के 29 बाघ से घटकर 2022 में बाघों की संख्या केवल 9 हो गई है। ओडिशा में बाघों की संख्या 28 से घटकर 20 हो गई, झारखंड में 5 से 1 हो गई, छत्तीसगढ़ में 19 से 17 और तेलंगाना में 26 से घटकर 21 रह गई। मिज़ोरम में यह संख्या 2006 में 6 से घटकर 2022 में शून्य हो गई और उत्तरी पश्चिम बंगाल में 2006 में 10 से घटकर 2022 में केवल 2 रह गई। आंकड़ों के मुताबिक नागालैंड में भी अब कोई बाघ नहीं है। इन राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और बिहार देश में बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी करने वाले राज्य हैं.