Bihar Land survey: भूमि सर्वेक्षण के बीच अधिकारी कर रहे खेल, राशि भुगतान के बाद भी नहीं हो रहा काम, जनता परेशान

Bihar Land survey: भूमि सर्वेक्षण के बीच अधिकारी कर रहे खेल, राशि भुगतान के बाद भी नहीं हो रहा काम, जनता परेशान

Bihar news: बिहार सरकार एक तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर राज्य सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है.अपने इस कदम को ऐतिहासिक बताने का कोई भी मौक़ा बिहार सरकार नहीं गंवा रही है.वहीं दूसरी तरफ भूमि सर्वेक्षण को लेकर अफसरशाही बेहद हावी नज़र रही है. 

आए दिन भूमि सर्वेक्षण को लेकर चौंकाने वाले एक से बढ़कर एक मामले सामने आ रहे हैं. ताज़ा मामला शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड के ग्राम सिंगाही का है, जहां देवेंद्र कुमार सिंह नाम के एक बुजुर्ग किसान पिछले कई महीनों से अंचलाधिकारी यानी सीओ तरूलता कुमारी के दफ़्तर का चक्कर काटने को मज़बूर हैं. पीड़ित बुजुर्ग देवेंद्र कुमार सिंह करीब 75 साल के हैं .

सिंह के मुताबिक़ उनके ज़मीन पर गाँव के कुछ लोग काफी वक़्त से क़ब्ज़ा जमाए हुए हैं, जिसकी नापी उन्होंने प्राइवेट अमीन से कराई, जिसमें जमीन का कुछ हिस्सा जो  उनके जमीन का है, उसपर बगल से ज़मीन के मालिक ने गैरकानूनी तरीके से अपना क़ब्ज़ा जमा रखा है और वो उस मापी को मानने को तैयार नहीं हैं, इसलिए पीड़ित किसान  देवेंद्र कुमार सिंह ने  ज़मीन की नपाई के लिए ऑन लाइन आवेदन किया और अमीन के लिए जमीन मापी हेतू 500 रुपए की राशि का भुगतान दिनाकं 09 अगस्त 2024 को किया. 

इतना ही नहीं सीओ के दफ़्तर में उसकी  प्रति जमा करा दी, कई दिन गुजर जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई तो सीओ तरूलता कुमारी से मिलने पहुंचे  लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी सीओ साहिबा नहीं मिली, वो वापस लौट गए, दूसरे दिन फिर उनसे मिलने पहुंचे,

 फिर मैडम ने मिलने से इनकार कर दिया, इसके बाद उनसे फ़ोन के ज़रिए संपर्क साधने की कोशिश की गई तो मैडम नाराज हो गई और उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई, जिसके बाद बुजुर्ग किसान ने भूमि सुधार उपसमहर्ता  शिवहर से मुलाकात की, उन्होंने सीओ को ईमेल के ज़रिए जल्द से जल्द भूमि की नपाई का आदेश दिया, 

इसके बावजूद उनपर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा और कई हफ़्ते गुजर जाने के बाद भी ज़मीन की नपाई का कार्य  नहीं किया गया, जबकि बुजुर्ग ने ऑन लाइन ज़मीन नापी का पैसा जमा कर दिया था, फिर भी सीओ साहिबा ने जमीन नपाई तो दूर नापी के लिए कोई तारीख भी निर्धारित नहीं कर रही है, जिससे किसान का परिवार  परेशान और बेबस है और सीओ साहिबा के सामने लाचार है. ऐसे में बुजुर्ग किसान अपनी परेशान किसके  कहे ये उनके समझ नहीं आ रहा है ।


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