शर्मनाक! बोरे में अपने बेटे के शव को लेकर तक पैदल चलता रहा पिता, न पुलिस, न लोगों ने की सहायता

कटिहार।इस सड़े गले सिस्टम को सुधार दीजिए साहब....सुशासन में विकास के दावे के बीच सिस्टम की एक शर्मनाक तस्वीर कटिहार से सामने आई है, जिसे  देखकर आप भी सहम जाएंगे, क्या हम इंसानियत की बस्ती में रहते हैं या वाकई ये सिस्टम सड़ गई है।

बंद बोरा में अपने बेटा के शव को लेकर तीन किलोमीटर तक पैदल दूरी तय करने को मजबूर यह नीरू यादव है, दरअसल भागलपुर जिला के गोपालपुर थाना क्षेत्र के तीनटंगा गांव में नदी पार करने के दौरान नीरु यादव के 13 वर्षीय पुत्र हरिओम यादव नाव से गिर गया था और वह लापता था, इस बाबत गोपालपुर थाना में भी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया गया था लेकिन पिता को खोजबीन के दौरान पता चला कि बेटा का शव बगल के ही कटिहार जिले के कुर्सेला थाना क्षेत्र के खेरिया नदी के तट पर तैर रहा है, इसी सूचना पर पिता नीरु यादव जब घाट पर पहुंचा तो उसे उनका बेटा का शव बुरा हालत में मिला,सड़ा-गला और जानवर नोच लेने के बावजूद उसके पहने हुए हैं कपड़ा और अन्य शारीरिक अंग के आधार पर पिता ने अपने पुत्र के शव को पहचान लिया।

अब सिस्टम का करना था सामना

 लेकिन सिस्टम की शरारत भी यहीं से शुरू हुआ उस शव को लाने में न तो भागलपुर जिला के गोपालपुर थाना पुलिस और ना ही  कटिहार जिला के कुर्सेला पुलिस कोई संजीदगी दिखाई, ऐसे में एक पिता को अपने कलेजे के टुकड़े की शव को बोरे में बंद कर तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर लाना पड़ा, परेशान पिता ने कहा करे तो क्या करें कोई थाना या कोई पुलिस न तो गाड़ी उपलब्ध करवाया और न कोई सहानुभूति दिखाई,अब इस सिस्टम से कितने देर तक गुहार लगाते  इसलिए मजबूरी में अपने दिल में पत्थर रखते हुए शव को इसी तरह लेकर आ गए।

अब जांच के नाम की खानापूर्ति

हालांकि कटिहार अनुमंडल पुलिस अधिकारी अब इस मामले पर किस थाना या किन के द्वारा लापरवाही हुई है इसकी आकलन में जुटे हुए हैं,जांच का नतीजा जब सामने आएगा हो सकता है सजा के नाम पर किसी को लाइन हाजिर या सस्पेंड कर दिया जाएगा। मगर दोनों जिला के वर्दी के आला हुक्मरानों को सोचना चाहिए क्या इस सड़े हुए सिस्टम को जगाने के लिए यह सजा काफी रहेगा या फिर आगे ड्यूटी तो छोड़ दीजिए कम से कम इंसानियत के नाते  किसी हरिओम के पिता को ऐसे मजबूर का शिकार ना होना पड़े इसके लिए कोई ठोस व्यवस्था तय की जाएगी।