सीएम नीतीश फिर जाएंगे एनडीए में ! मांझी ने दे दिया संकेत, सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट का
पटना. बिहार में खरमास के बाद क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से एनडीए का दामन थाम लेंगे. इस सियासी सवाल ने बिहार में नई खिचड़ी पकने की संभावनाओं को जन्म दे रखा है. इस बीच, 15 जनवरी को देश में मकर संक्रांति पर खिचड़ी भी बनेगी और बिहार में भी नए सियासी खिचड़ी बनने के संकेत पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दिए हैं. मांझी ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. इससे साफ जाहिर होता है कि नीतीश कुमार और भाजपा के बीच अंदरूनी तौर पर कुछ बातें चल रही हैं जिससे जदयू के फिर से एनडीए के साथ आने की संभावना दिख रही है.
पूर्व सीएम और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने सोशल मीडिया पर राजद और कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए एक पोस्ट लिखा है. उन्होंने लिखा है, 'राज्य में सत्ता परिवर्तन की सुगबुगाहट से कुछ अधिकारियों से ज्यादा राजद-जदयू-कांग्रेस के कार्यकर्ता परेशान हैं। राजद के लोग इस सोच में परेशान है कि फ्लैक्स में नीतीश जी का फोटों दें कि ना? वैसे जो भी परिवर्तन होगा वह राज्यहित में होगा।'
मांझी का यह पोस्ट साफ जाहिर करता है कि भाजपा और सीएम नीतीश भीतरखाने किसी सियासी खिचड़ी को पकाने में लगे हैं. दोनों ओर पिछले कुछ दिनों में नेताओं ने भले ही चुप्पी साध रखी हो लेकिन मांझी का यह पोस्ट किसी बड़े सियासी उथलपुथल के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में एनडीए से अलग होकर महागठबंध संग ये लालू यादव की पार्टी राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ मिलकर सरकर बनाई थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से कहा जा रहा है कि बिहार में बड़े बदलाव की आहट है. इसमें अब मांझी ने अपने पोस्ट से और ज्यादा सस्पेंस बढ़ा दिया है.
संयोजक पद ठुकरा चुके हैं नीतीश : विपक्षी दलों को एकजुट कर नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन बनाया तो उनके संयोजक पद की मांग भी होने लगी. एक दिन पहले ही 13 जनवरी को इंडिया के घटक दलों की बैठक में जब नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव आया तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया. उन्होंने खुद संयोजक बनने से इनकार कर कांग्रेस या लालू यादव को यह जिम्मेदारी देने की बात कही. नीतीश कुमार के इस निर्णय पर अब हर कोई अचंभित है. इस बीच, मांझी ने ट्विट ने इस उहापोह को और ज्यादा बढ़ा दिया है कि वे कोई बड़ा सियासी उलटफेर कर सकते हैं.