बिहार में जातीय गणना के आंकड़े को लेकर विवाद जारी, बक्सर और रोहतास में लोगों ने फूंका नीतीश कुमार का पुतला, चुनाव में दिखा देंगे औकात

बिहार में जातीय गणना के आंकड़े को लेकर विवाद जारी, बक्सर और रोहतास में लोगों ने फूंका नीतीश कुमार का पुतला, चुनाव में दिखा देंगे औकात

BUXAR: बिहार में हुई जातीय जनगणना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए जी का जंजाल बनते जा रही है। जातीय जनगणना के आंकड़े जारी होने के बाद से ही यादव को छोड़कर लगभग सभी जातियों के द्वारा राज्य सरकार पर आंकड़ों में हेरा फेरी का आरोप लगाया जा रहा है। लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, मुख्यमंत्री का पुतला जला रहे हैं। इस कड़ी में नगर के ज्योति चौक पर कुशवाहा समाज के युवाओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन कर विरोध जताते हुए कहा कि, कुशवाहा बिहार में 4 प्रतिशत हैं या 16 प्रतिशत यह उनको आगामी 2024 और 2025 चुनाव में पता चल जाएगा। कुशवाहा समाज उनको उनकी औकात बता देगा। वहीं रोहतास में भी 'मौर्य शक्ति' के बैनर तले युवाओं ने सीएम नीतीश कुमार का पुतला फूंका है। इन लोगों का कहना है कि जो जाति गणना हुई है। वह पूरी तरह से अशुद्ध है। जाति गणना को वैज्ञानिक तरीके से नहीं किया गया है, जिस कारण आंकड़े सही नहीं आई है। यह एक तरह का घोटाला है। इन लोगों का कहना है कि जातीय गणना को एक स्वतंत्र एजेंसी से कराया जाए। 

क्या कहते हैं युवा 

नगर के ज्योति प्रकाश चौक पर पुतला जलाने पहुंचे कुशवाहा समाज के युवाओं ने कहा कि, राज्य सरकार के द्वारा जातीय जनगणना के जो आंकड़े जारी किए गए हैं, वह फर्जी हैं। उसमें यादव को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया है। जबकि अन्य सभी जातियों को नीचे गिराकर दिखाया गया है। कई ऐसे घर हैं जहां पर जाति जनगणना करने के लिए कोई आया ही नहीं उसके बाद भी कैसे जाति जनगणना का कार्य पूरा हो गया? कुशवाहा समाज को राज्य सरकार अपने आंकड़ों में 4 फीसद बता रही है। जबकि हमारी जनसंख्या 16 फीसद से अधिक है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह समाज 2024 और 2025 के चुनाव में दिखाएगा कि हमारी संख्या कितनी है।

जातीय जनगणना का लगातार हो रहा विरोध 

गौरतलब हो कि राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए जाति जनगणना के आंकड़ों के विरोध में सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर लोगों ने मोर्चा खोल दिया है, जिसका जवाब सरकार नहीं दे पा रही है। कुशवाहा समाज ही नहीं बल्कि किन्नर समाज के लोगो ने भी नीतीश कुमार के इस आंकड़े को फर्जी बताया है।

आपको बता दें कि बिहार में जातीय गणना सर्वे के अनुसार अति पिछड़े वर्ग की संख्या 36.01 फीसदी है। वहीं पिछड़े वर्ग की आबादी 27.13 फीसदी, अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी, अनुसूचति जनजाति 1.68 फीसदी और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 फीसदी है। इसमें  हिंदुओं की आबादी 81.99 फीसदी जबकि मुस्लिम 17.70 फीसदी है।

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