नए साल में बिजली दरों में बढ़ोतरी को मिली मंजूरी, लेकिन रेट तय करने के लिए यह काम करेगा बिजली विभाग

PATNA : बिहार में अगले साल से बिजली दरों में बढ़ोतरी किए जाने को लेकर वितरण कंपनियों के प्रस्ताव को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने मंजूर कर लिया। उक्त प्रस्ताव आयोग के पास इसी साल नवंबर में दिए गए थे। जिसके बाद अब यह तय है कि अगले साल बिजली उपभोक्ताओं को अपनी जेंबें ज्यादा ढीली करनी पड़ेंगी। हालांकि बिजली की नई दरें क्या होंगी, इसको लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली की दरों को निर्धारित करने के लिए पटना सहित सूबे के पांच शहरों में जनसुनवाई के जरिए आम लोगों से कंपनी के प्रस्ताव पर राय लेने का भी निर्णय लिया है। जनवरी-फरवरी में जनसुनवाई पूरी हो जाएगी और मार्च में आयोग नई बिजली दरों की घोषणा करेगा। नई बिजली दर एक अप्रैल 2022 से लागू होगी।
रेट तय करने के लिए इन शहरों में होगी जनसुनवाई
नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की ओर से सौंपे गए प्रस्ताव पर अब आयोग आम लोगों से राय लेगा। पहली जनसुनवाई कैमूर (भभुआ) में होगी। 13 जनवरी 2022 को कैमूर जिला समाहरणालय में आम लोगों से राय ली जाएगी। 21 जनवरी को पूर्णिया जिला समाहरणालय तो 28 जनवरी को बेतिया समाहरणालय में आम लोगों से राय ली जाएगी। तीन फरवरी को भागलपुर जिला समाहरणालय परिसर में कंपनी की याचिका पर आम लोग अपनी राय दे सकेंगे। वहीं अंतिम जनसुनवाई पटना में 11 फरवरी को विनियामक आयोग के सभागार में होगी।
10 फीसदी वृद्धि का है प्रस्ताव
बिजली कंपनी हर साल 15 नवम्बर तक बिजली दर का प्रस्ताव आयोग को सौंपती रही है। उसी परम्परा के तहत ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने अलग-अलग याचिका दायर की है। जबकि घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर तय करने के लिए नॉर्थ व साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने अलग-अलग याचिका दायर की है। । कंपनी ने घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक सहित सभी श्रेणी के फिक्स्ड चार्ज में 10 फीसदी तक वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।
शहरों के लिए अब दो स्लैब
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के स्लैब को तीन के बदले दो कर दिया गया है। शून्य से 100 यूनिट का पहला स्लैब होगा। जबकि दूसरा स्लैब 101 यूनिट से अधिक का होगा। कंपनी ने औद्योगिक कनेक्शन के लिए भी नई श्रेणी तय की है। कंपनी का तर्क है कि छोटे उद्योगों के लिए एलटीआईएस तो बड़े उद्योगों के लिए एचटीएस है।