बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने सीएम नीतीश को लिखा पत्र, कहा भीषण लू की चपेट में मर रहे खाली पेट शिक्षक और बच्चे
PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा है कि शिक्षा विभाग के घोर अलोकतांत्रिक, अमानवीय तथा तानाशाही रवैये से शिक्षक और बच्चों की जान खतरे में है। नीतीश कुमार से शिक्षा विभाग के असंवेदनशील, अव्यवहारिक और मुख्यमंत्री को भी कलंकित करने वाले आदेश को तुरंत निरस्त करने की अपील की है। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग आपको भी शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक रूप से स्वस्थ नहीं होने देने का संकल्प ले रखा है।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को कहा कि 16 मई से लाखो-लाख बच्चों एवं शिक्षकों को 90 प्रतिशत उपस्थिति की गारंटी खाली पेट करने एवं 12 बजे दुपहरिया में जब तापमान 45 डिग्री रहेगा। तब बच्चों को घर जाने के लिए मजबूर करेगा। शिक्षकों को खाली पेट 1ः30 बजे घर लौटाया जा रहा है। मुजफ्फरपुर के शिक्षक अविनाश कुमार लू लगने के कारण इस दुनिया से विदा हो गए। कई सुकुमार बच्चे काल-कवलित हो गए। लेकिन विभाग बेपरवाह है। उन्होंने कहा है कि प्राथमिक से विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षकों की सेवा वेकेशनल होती है एवं अन्य सरकारी सेवकों की सेवा नन वेकेशनल है। शिक्षकों को इसीलिए 14 दिनों का ही अर्जितावकाश मिलता है और अन्य सरकारी कर्मियों को 33 दिनों का। अभी तक इसके संबंध में विभागीय आदेश नहीं निकाला गया है। आपके आदेश के बावजूद दिवाकालीन विद्यालय संचालित नहीं हुए। विधान मंडल की घोषणा मात्र सभा भवन की दीवारों तक ही गूँजती रही। शिक्षा विभाग के कान तक जू नहीं रेंगी। साथ ही, विश्वविद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी जो सेवानिवृत्त और बीमार हैं उनके पेंशन को बंद कर देना, उनकी जिन्दगी के साथ खिलवाड़ है।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह बताया है कि शिक्षा मंत्री एवं संभवतः आपके द्वारा भी 6 बजे से विद्यालय संचालन की अनुमति नहीं दी गई होगी। 6 बजे बच्चों के माँ-बाप को जागना और उनके लिए नाश्ता तैयार करना और जो शिक्षक कोसों दूर विद्यालय जायेंगे। उन्हें भी बिना नाश्ता किये ही विद्यालय पहुँचना होगा। आपदा प्रबंधन विभाग ने मौसम वैज्ञानिकों के आधार पर बिहार में ‘येलो अलर्ट’ की चेतावनी दी है। इसके बावजूद बच्चों को 12 बजे दुपहरिया में घर भेजने और शिक्षकों को 1ः30 बजे घर भेजने का इस अव्यवहारिक, अवैज्ञानिक, बिना दूरगामी परिणाम सोचे आदेश को मानवीय संवेदनशीलता के साथ स्थगित करने पर ही आपका भी शारीरिक, मानसिक और राजनीतिक लाभ होगा। मुख्यमंत्री को कहा कि शिक्षा विभाग आपका भारी नुकसान पहुँचा चुका है। इसलिए आवश्यक है कि आप शिक्षा विभाग के ऐसे असंवेदनशील, अव्यवहारिक और आपको भी कलंकित करने वाले आदेश को तुरंत निरस्त कर दें।
साथ ही तिरहुत शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद् सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने भी कहा है कि शिक्षा विभाग विधान मंडल से मुख्यमंत्री की घोषणा को एवं राजभवन से उच्च न्यायालय तक के फैसलों को नहीं मानकर मुख्यमंत्री, राजभवन एवं माननीय उच्च न्यायालय के प्रति घोर अवमानना कर रहा है। इसलिए बिहार के बच्चों और शिक्षकों के व्यापक हित में मुख्यमंत्री शीघ्र शिक्षा विभाग के आदेश को निरस्त करें।