पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस कृष्णन विनोद चंद्रन का हुआ भव्य स्वागत, कहा आम नागरिक के समस्या को न्याय निष्पादन से करेंगे दूर

PATNA : जस्टिस कृष्णन विनोद चंद्रन ने पटना हाईकोर्ट के 44 वें चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ग्रहण किया। राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में बिहार के राज्यपाल आर. विश्वनाथ आर्लेकर ने चीफ जस्टिस चंद्रन को सुबह 9:30 बजे शपथ दिलाई। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन के स्वागत में जस्टिस सी एस सिंह की अध्यक्षता में स्वागत समारोह आयोजित किया गया।
जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की अध्यक्षता में हुए इस स्वागत समारोह को बिहार के महाधिवक्ता पी के शाही, केंद्र सरकार की तरफ से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल डॉक्टर के एन सिंह ने अपनी भावना व्यक्त किया। वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा,संजय सिंह और अजय ठाकुर तीनों अधिवक्ता संघों को प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इन सबों ने स्वागत समारोह को संबोधित किया। इस स्वागत समारोह में सर्वप्रथम समारोह के अध्यक्ष जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने चीफ जस्टिस के वी कृष्णन का स्वागत करते हुए उनके बारे में कई जानकारियां दी।
2011 में केरल हाईकोर्ट के जस्टिस नियुक्त होने वाले चीफ जस्टिस के वी चंद्रन ने 1991 में वकालत की शुरुआत की। उसके पहले वे भारतीय स्टेट बैंक के कर्मी के रूप में 3 वर्षों तक काम भी कर चुके थे। तिरुअनंतपुरम में जन्मे चीफ जस्टिस ने शुरुआती वकालत निचली अदालतों से किया। 1992 में केरल हाई कोर्ट में अपनी प्रैक्टिस को स्थानांतरित किया। उन्होंने अधिकांश निर्णयों में मानवीय अधिकार, संवैधानिक अधिकार और मौलिक अधिकार को विशेष महत्व दिया।
महाधिवक्ता पीके शाही ने चीफ जस्टिस का स्वागत करते हुए कहा की भगवान बुद्ध, महावीर, सूफी संतों और सिखों के दशम गुरु की जन्मस्थली पर उनका स्वागत है ।यहां के वकील और न्यायाधीश दोनों की तरफ से उन्हें त्वरित न्याय निष्पादन में पूरा सहयोग मिलेगा उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से आशा जताई कि पटना हाईकोर्ट में मुकदमों के लगे अंबार को कम करने में वह हरसंभव प्रयास करेंगे। अंत चीफ जस्टिस के वी कृष्णन ने खुद को सौभाग्यशाली कहा कि वह केरल से इतनी दूर भगवान बुद्ध महावीर सहित महात्मा गांधी के सत्याग्रह की धरती की सेवा करने आए। उन्होंने कहा कि मैं पूरी कोशिश करूँगा कि वकीलों की समस्या और एक सामान्य नागरिक की हर समस्या को त्वरित न्याय निष्पादन के जरिए दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे।