सच सामने आएगा तो अपने परिवार से नजरें नहीं मिला पाओगे..स्वाति मालीवाल के बयान से केजरीवाल एंड कंपनी में हड़कंप...किसका सच आयेगा बाहर...?

दिल्ली- सीएम अरविंद केजरीवाल की बेहद करीबी और आप पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को लेकर पूरे देश की राजनीति में हलचल मची हुई है. भारतीय जनता पार्टी जहां एक ओर स्वाति के साथ सीएम आवास में हुई मारपीट के मामले में अरविंद केजरीवाल को गुनाहगार मान रही है और उनसे मुख्यमंत्री मंत्री पद छोड़ने की मांग कर रही है . राज्यसभा सांसद बनने से पहले स्वाति मालीवाल दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख भी रह चुकी हैं. वहीं दिल्ली सीएम के आवास पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी मामले में पुलिस ने आरोपी विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. 

अब मालीवाल ने एक्स पर लिखा कि "कल से दिल्ली के मंत्री झूठ फैला रहे है कि मुझपे भ्रष्टाचार की FIR हुई है इसलिए BJP के इशारे पर मैंने ये सब किया. ये FIR 8 साल पहले 2016 में हो चुकी थी जिसके बाद मुझे सीएम और LG दोनों ने दो बार और महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया। केस पूरी तरह फर्जी है जिस पर 1.5 साल से माननीय High Court ने stay लगाया हुआ है जिन्होंने माना है कि पैसे का कोई लेन देन नहीं हुआ है। 

Bibhav Kumar के ख़िलाफ़ कंप्लेंट देने तक मैं इनके हिसाब से “लेडी सिंघम” थी और आज BJP एजेंट बन गई ?

पूरी ट्रोल आर्मी मुझपे लगा दी गई सिर्फ़ इसलिए क्योंकि मैंने सच बोला। पार्टी के सभी लोगों को फ़ोन करके बोला जा रहा है स्वाति की कोई पर्सनल वीडियो है तो भेजो, लीक करनी है।

मेरे रिश्तेदारों की गाड़ियों के नंबर से उनकी details ट्वीट करवाकर उनकी जान ख़तरे में डाल रहे हैं."

ख़ैर, झूठ ज़्यादा देर तक टिक नहीं पाता है। पर सत्ता के नशे में किसी को नीचा दिखाने के जुनून में ऐसा न हो जाये की जब सच सामने आये तो अपने परिवारों से भी नज़रे न मिला पाओ।"

तुम्हारे हर फैलाए झूठ के लिए तुम्हें कोर्ट लेके जाऊँगी! मालीवाल ने आगे कहा- मैं बिभव कुमार के खिलाफ कंप्लेंट देने तक इनके हिसाब से 'लेडी सिंघम' थी और आज भाजपा की एजेंट बन गई? 

मालिवाल ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा दिल्ली के मंत्री कल से झूठ फैला रहे हैं कि मुझपे भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज की गई है इस वजह से मैंने भाजपा के इशारे पर यह सब किया है. मैं बता देना चाहती हूं कि यह एफआईआर 8 साल पहले 2016 में हुई थी. इसके बाद मुझे सीएम केजरीवाल और एलजी दोनों ने दो बार और महिला आयोग की अध्यक्ष नियुक्त किया. यह केस पूरी तरह फर्जी है। इस पर माननीय हाईकोर्ट ने डेढ़ साल से स्टे लगाया है. हाईकोर्ट ने माना है कि पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ है.