सावन में महाकोटेश्वरनाथ शिव मंदिर में उमड़ती है भक्तों की भीड़, गंडक नारायणी के जल से श्रद्धालु करते हैं जलाभिषेक
बेतिया- भगवान शिव की महिमा से कोई अछूता नहीं रहा है. पुराणों के अनुसार, शिव मंदिरों में दर्शन करने से सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. बिहार में शिव को समर्पित ऐसे कई मंदिर हैं जो खूबसूरती और रहस्यों से भरे हुए हैं.प॰चंपारण के लौरिया प्रखण्ड व सिकरहना नदी से तीन कीलोमीटर पहले एनएच 727 बनकटवा मे जिले का प्रसिद्ध महाकोटेश्वरनाथ शिव मंदिर है . शिवालय में वाल्मिकीनगर स्थित गंडक नारायणी से जल लेकर भक्त यहां हर साल सावन के पवित्र माह में लाखों की संख्या मे बाबा कोटेश्वरनाथ शिवालय में जलाभिषेक करते है . महाकोटेश्वरनाथ शिवालय पाँच मुखी शिवालय है . इस शिवालय के छत से 120 फीट की ऊचाई पर मुख्य शिवालय का गुंबद है जो की ऊतरी बिहार मे सबसे बड़ा गुंबद माना गया है.मुख्य शिवालय के दाहिनी तरफ बजरंग बाली तो उनके बाए विघ्नहरता गणेश तो उनके बाएं माता पार्वती तो वही माता पार्वती के बाई तरफ कार्तीक भगवान विराजमान है . बाबा कोटेश्वरनाथ के मुख्य दरवाजे पर नंदी विराजमान है .
वही गंडक नारायणी से जल लेकर जो भक्त पूर्वी चंपारण के अरेराज स्थित सोमेशवरनाथ शिवालय मे जो भक्त जल चढ़ाने जाते है तो उनका पहला पड़ाव भी यह कोटेश्वरनाथ शिव मंदिर मे आराम कर भक्त यहां से सुबह प्रस्थान करते है .
बाबा कोटेशवारनाथ मंदिर पर सबसे ज्यादा भीड़ सावन माह में और महाशिवरात्रि के अवसर पर लगता है. बाबा कोटेशवारनाथ से जो भी भक्त श्रर्द्दा से जो कुछ भी अपना मनोकामना मांगते है बाबा उनकी मनोकामना पूरी कर देते है .
रिपोर्ट- आशीष कुमार