शादीशुदा पुरुष का महिला को शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाना बनेगा अपराध, लव जिहाद के लिए भी जुड़ेगी नई धारा, संसदीय पैनल ने दिया सुझाव
दिल्ली- हमारे समाज में विवाह को एक ऐसा बंधन माना जाता है जिसकी गांठ भरोसे पर ही टिकी होती है. विवाह के बाद किसी और के साथ संबंध बनाना या विवाह का झांसा देना या पहली पत्नी के होते हुए दूसरी बार विवाह के बंधन में बंधना आये दिन हो रहे इस तरह के मामले विवाह के रिश्ते को भी अपराध की ओर ले जा रहे हैं. समाज में ऐसे अपराध को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं. केंद्र सरकार देश के लिए एक नई न्याय संहिता लेकर आने वाली है. भारतीय न्याय संहिता बिल (बीएनएस) प्रस्तावित है. एक संसदीय पैनल ने प्रस्तावित कानून पर अपनी मसौदा रिपोर्ट में एक अहम सुझाव दिया है. इसमें 'धोखेबाजी के तरीकों' में एक बिंदु जोड़ने की बात सामने आ रही है. बीएनएस में 'लव लिहाद' को लेकर भी चर्चा है.
संसदीय पैनल ने सुझाव दिया है कि पहले से शादीशुदा मर्द को अपनी पहचान छिपाने को भी 'धोखेबाजी के तरीकों' में शामिल किया जाना चाहिए. पैनल का कहना है कि पहचान छिपाकर किसी मर्द द्वारा किसी महिला से शादी करने और उसके साथ यौन संबंध बनाने के अलावा अगर कोई शादीशुदा पुरुष भी अपनी शादी की जानकारी छिपाकर किसी महिला के साथ ऐसा करता है, तो उसे भी बीएनएस बिल के सेक्शन 69 के तहत अपराध माना जाना चाहिए.
बीएनएस बिल के सेक्शन 69 में कहा गया है कि कोई भी अगर छल-कपट या किसी महिला के साथ शादी करने का वादा करता है. लेकिन उसका शादी करने का इरादा नहीं है. वह महिला के साथ यौन संबंध भी बनाता है. भले ही ऐसे यौन संबंध को दुष्कर्म की श्रेणी में नहीं रखा जाए, मगर फिर भी उसे कुछ साल तक जेल की सजा होनी चाहिए. ये जेल की सजा 10 साल तक बढ़ाई जा सकती है और उसके ऊपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. नौकरी या प्रमोशन के लिए झूठा वादा, प्रलोभन या पहचान छिपाकर शादी करने को इस सेक्शन में 'धोखेबाजी के तरीकों' के तौर पर बताया गया है.
शादी का झूठा वादा या नौकरी आदि जैसे अन्य लालच के जरिए महिला के साथ यौन संबंध बनाना या अपनी पहचान छिपाकर शादी करने को बीएनएस के तहत पहली बार अपराध के रूप में शामिल किया जा सकता है. देशभर में सामने आ रहे तथाकथित लव जिहाद के मामलों को ध्यान में रखते हुए बीएनएस में इस नए अपराध को जोड़ने का प्रस्ताव दिया गया है.
इसके अलावा कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां शादीशुदा व्यक्ति ने अपनी पहचान छिपाकर महिला के साथ संबंध बनाए हैं. उसने ऐसा करने से पहले महिला से शादी का वादा भी किया था. यही वजह है कि अब संसदीय समिति सेक्शन 69 में किसी शादीशुदा व्यक्ति के जरिए अपनी पहचान छिपाकर किसी महिला के साथ यौन संबंध को भी अपराध की श्रेणी में डालने की बात कर रहा है. यदि कोई व्यक्ति बेईमानी या धोखा देने के इरादे से यह जानते हुई भी विवाह की प्रक्रिया को करेगा कि यह विवाह विधिपूर्वक नहीं हुआ है तो वह विवाहित नहीं कहलाएगा.धारा 496 के तहत ऐसा व्यक्ति दोषी माना जाएगा जिसके लिए उसे सात साल तक की जेल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.