टिकट के लिए मारी पलटी ! लोस चुनाव आते ही लोजपा सांसद वीणा देवी फिर से चिराग पासवान के साथ..
पटना. लोजपा के स्थापना दिवस समारोह पर चिराग पासवान ने चाचा पशुपति पारस को बड़ा झटका दिया है. वैशाली से सांसद वीणा देवी ने एक बार फिर से चिराग पासवान की पार्टी का दामन थाम दिया है. पटना के बापू सभागार में आयोजित लोजपा के 24 वें स्थपाना दिवस समारोह में मंच पर वीणा देवी भी मौजूद रही. यह उनकी घर वापसी यानी चिराग की पार्टी में आने का संकेत है. बता दें कि वीणा देवी, वैशाली सीट से लोजपा की सांसद हैं. उन्होंने वैशाली से राजद के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को बड़े अंतर से हराया था. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद वर्ष 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव लोजपा ने अपने दम पर लड़ा था. चिराग का यह निर्णय उन्हें भारी पड़ा और सिर्फ एक सीट पर कामयाबी मिली. बाद में रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो धड़ों में बंट गई. वीणा देवी तब पशुपति पारस के साथ चली गई. वहीं चिराग अपनी पार्टी के एकलौते सांसद रह गए.
वीणा देवी भले ही पशुपति पारस के साथ हों लेकिन उनकी चिराग को लेकर मेल मुलाकात का सिलसिला लगातार चलता रहा. यहां तक कि पिछले छह महीने में करीब 4 बार वीणा और चिराग की दिल्ली से पटना तक मुलाकात हुई. तब से ही यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वीणा देवी फिर से चिराग की पार्टी में आयेंगी. कुछ महीने पहले वीणा देवी ने चाचा-भतीजे की लड़ाई में एंट्री की थी. उन्होंने पशुपति और चिराग को पारिवारिक विवाद सुलझाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश भी यही रहेगी कि चाचा और भतीजा एक साथ हो जाए. उन्होंने कहा कि परिवार में अक्सर लड़ाई- झगड़ा होता रहता है. यह पारिवारिक मामला है. इस मामले का हल चाचा -भतीजा मिलकर निकालेंगे.
माना जा रहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में वीणा देवी फिर से चिराग की पार्टी से चुनाव लड़ना चाहती है. इसलिए वह पशुपति पारस को छोड़कर दोबारा चिराग की पार्टी में शामिल हो रही है. विदित हो कि चिराग पासवान के नेतृत्व वाली एलजेपी से छह सांसदोंं ने बगावत कर दी थी। इसको लेकर काफी सियासत हुई। पार्टी सांंसदों ने पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया। बगावत करने वाले सांसदों में से एक वीणा देवी भीैं थी। वैशाली की सांसद वीणा देवी इससे पूर्व विधायक रह चुकी हैं। उनके पति दिनेश सिंह जदयू के विधान पार्षद रहे.