सावन की पहली सोमवारी को बिहार के सभी जिलों के शिवालय में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, जानें मोतिहारी, कटिहार और मुंगेर के खास महादेव की कहानी...

सावन की पहली सोमवारी को बिहार के सभी जिलों के शिवालय में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, जानें मोतिहारी, कटिहार और मुंगेर के खास महादेव की कहानी...

PATNA: बिहार प्रसिद्ध और अतिप्राचीन पंचमुखी बाबा सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर में देवाधिदेव महादेव के अति प्रिय मास सावन के प्रथम सोमवारी पर श्रद्धालुओं की जनसैलाब उमड़ी। हर हर महादेव के जयकारा के साथ श्रद्धालु कतारबद्ध होकर सुबह से ही जलाभिषेक कर रहे।अरेराज अनुमंडल प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर बेहतर व्यवस्था किए गए। महिला पुरुष के लिए अलग अलग प्रवेश व निकास द्वार बनाये गए हैं। सैकड़ों सीसीटीवी लगाकर प्रशासन मेला क्षेत्र की निगेहबानी कर रही। ड्राप गेट, फिक्स गेट के साथ साथ दर्जनों स्थल पर नियंत्रण कक्ष बनाये गए हैं। 

तीन लेयर में दण्डाधिकारी व पुलिस बल का व्यवस्था किया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर पड़ाव स्थल से पूरे शहर में शुद्ध पेयजल,चलंत शौचालय, मेडिकल टीम,उत्तम प्रकाश का व्यवस्था किया गया है। मेला की कमान अरेरज एसडीओ अरुण कुमार व डीएसपी रंजन कुमार संभाले हुए है। भीड़ को नियंत्रित करने व श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर 400 पुलिस बल के साथ 100 से अधिक पुलिस पदाधिकारी,दण्डाधिकारी के अलावा एनसीसी व स्वयमसेवी संस्था को लगाया गया है।

वहीं कटिहार में भोले भक्तों ने मनिहारी गंगा घाट में पांच लाख शिवलिंग का विशेष पूजन कर विश्व कल्याण का कामना किया। सावन की पहली सोमवारी के मौके पर कटिहार के मनिहारी गंगा घाट में महादेव के भक्तों ने अखिल भारतीय महाकाल परिवार एवं प्राचीन देव संस्कृति उत्थान महाकाल शक्तिपीठ से आये स्वामी सिद्धार्थ परमहंस महाराज की उपस्थिति में लिंगेश्वरार्चन महा अनुष्ठान किया। इस आयोजन में पिछले कई दिनों से गंगा तट की मिट्टी से भक्तों ने पांच लाख शिवलिंग का निर्माण किया। साथ ही कटिहार के मनिहारी वार्ड नंबर 10 स्थित लगभग हजारों साल प्राचीन एक शिवालय की खास कहानी से आपको रूबरू करवाते हैं।

दरअसल, 1905 के पूर्णिया गजेटियर में भी कटिहार के इस गौरी शंकर शिव मंदिर की चर्चा है। अर्धनारीश्वर शिव मंदिर के रूप में कटिहार के साथ-साथ आसपास के जिला में चर्चित इस शिव मंदिर में शिवलिंग के साथ मां गौरी भी जुड़ी हुई हैं।  स्थानीय लोगों की मानें तो शिवलिंग के साथ मां पार्वती के विराजमान वाले रूप पूरे देश के शिव भक्तों के लिए बेहद खास है। इस लिए इस मंदिर से दूर-दूर से लोग आते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी भी आस्था से जुड़े इस अनोखी मंदिर के अनोखी शिवलिंग की कहानी पर विशेष चर्चा कर रहे हैं। वहीं पूजा करने आये श्रद्धालु भी यहाँ पंहुच कर पूजा पाठ कर रहे है।

मुंगेर जिला अंतर्गत विभिन्न शिवालयों में से खास है तारापुर नगर का उल्टा स्थान महादेव मंदिर का जो काफी ऐतिहासिक है। इस मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर पहले माता पार्वती की मंदिर है। उसके बाद हीं महादेव का मंदिर का है। सबसे खास बात यह है कि महादेव के गर्भ गृह का द्वार उल्टा है । मुंगेर जिला के तारापुर नगर स्थित उल्टा स्थान महादेव मंदिर में सावन महीने में विशेष पूजा होती है। यहां महादेव की पंचमुखी शिवलिंग की पूजा और जलाभिषेक के लिए मंदिर के सामने श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है। उल्टा स्थान महादेव मंदिर इलाके में बेहद खास है। इस मंदिर परिसर में जो महादेव की गर्भ गृह है, उसका द्वार पश्चिम दिशा की ओर खुलता है। जो आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगा। जबकि हर मंदिर में भगवान महादेव का द्वार पूरब दिशा की ओर ही खुलता है।

उल्टा स्थान महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग पंचमुखी है। पंचमुखी शिवलिंग विरले ही देखने को मिलता है। यही वजह है कि इस मंदिर की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है। यहां मुंगेर सहित बांका और भागलपुर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। सावन में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है।

मोतिहारी से हिमांशु, मुंगेर से इम्तियाज, कटिहार से श्याम की रिपोर्ट 

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