दरभंगा एयरपोर्ट से विमान परिचालन का एक साल पूरा, पहले विमान यात्री ने लिखा संस्मरण

DARBHANGA : दरभंगा एयरपोर्ट से विमान परिचालन प्रारंभ होने के एक वर्ष पूरा होने पर सद्भावना यात्रा समिति के तत्वावधान में सोमवार को 'दरभंगा एयरपोर्ट सं विमान विमान सेवाक एक वर्ष' विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शहर के एम कुमार इंग्लिश क्लासेस के संगोष्ठी कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में हवाई यात्रा के पहले विमान के यात्री रहे मैथिली के वरिष्ठ साहित्यकार मणिकांत झा की हवाई यात्रा पर लिखी गई संस्मरण आधारित  पुस्तक 'आंखिक पांखि मिथिलाक उड़ान' के आवरण का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने की।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा है कि हम मिथिलावासियों के लिए आज खुशी एवं गर्व का दिन है। एक साल में पांच लाख से ज्यादा लोगों ने इस एयर पोर्ट से सफर किया। यह अपने आप में गौरवशाली कीर्तिमान है। दरभंगा एयरपोर्ट के एक साल के शानदार सफर के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार जताया। इससे पहले संगोष्ठी में अपना विचार रखते हुए हवाई यात्रा के पहले विमान में मणिकांत झा के सहयात्री रहे वरिष्ठ पत्रकार विष्णु कुमार झा ने दरभंगा में विमान सेवा के इतिहास एवं वर्तमान की स्थितियों पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए उड़ान योजना की कामयाबी में देशव्यापी मिसाल बन चुके दरभंगा एयरपोर्ट की एक साल की ऐतिहासिक उपलब्धियों को दरभंगा को जनता की भागीदारी का अनुपम उदाहरण बताया। पीजी राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो जितेन्द्र नारायण ने कहा कि एयरपोर्ट के रूप में मिथिला वासियों के वर्षों का सपना धरातल पर उतर कर कामयाबी की नित नई उड़ान ले रहा है, इससे बड़ी खुशी कुछ नहीं हो सकती। 

पीजी मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो रमेश झा ने खुशी जताते हुए कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट की शानदार कामयाबी से आसपास के जिलों में परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर पैदा हुए हैं। यह आनेवाले समय में  मिथिला में औद्योगीकरण और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए भी बेहतर माहौल बनने के लिए शुभ संकेत है। वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार ने दरभंगा एयरपोर्ट की स्थापना में दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह के अवदानों को विस्तार से रेखांकित करते हुए कहा कि इसने महज एक साल के भीतर उत्तर बिहार के बड़े हिस्से के विकास को रफ्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

साहित्यकार हीरेंद्र कुमार झा ने दरभंगा एयरपोर्ट की बढ़ती लोकप्रियता का सबसे प्रमुख कारण सुगम आवागमन को बताते कहा कि बिहार के दूसरे एयरपोर्ट के रूप में स्थापित दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचने के लिए यात्रियों को जाम की समस्या से जूझना नहीं पड़ता है। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा ओमप्रकाश ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट से कार्गो सेवा शुरू होने से यहां और आसपास के किसानों को काफी खुशी मिली है। यहां से लीची की खेप मुंबई भेजी गई थी। वहीं, मिथिला के प्रमुख उत्पाद में से एक मखाना को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिल गया है। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक पं अजयनाथ शास्त्री ने अपने संबोधन में एयरपोर्ट के नामपट्ट पर अन्य भाषाओं के साथ मिथिला की धरोहर लिपि मिथिलाक्षर को भी स्थान दिए जाने की बात रखी।

प्रो जीव कांत मिश्र द्वारा प्रस्तुत गोसाउनि गीत जय जय भैरव...से शुरू हुए कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा ने किया. वेद ध्वनि गंधर्व कुमार झा ने प्रस्तुत किया. जबकि कार्यक्रम में डा महेंद्र नारायण राम, विनोद कुमार झा, बासुकीनाथ झा, प्रो विजय कांत झा, प्रवीण कुमार झा, संतोष कुमार झा, अनिल कुमार झा, अनिल अग्रवाल, नवल किशोर झा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट