बिहार के कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने मचाया तांडव, सीतामढ़ी में जज की रोकी गाड़ी, बेतिया में की जमकर तोड़फोड़, औरंगाबाद में दुकानों ने किया उपद्रव

बिहार के कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने मचाया तांडव, सीतामढ़ी में जज की रोकी गाड़ी, बेतिया में की जमकर तोड़फोड़, औरंगाबाद में दुकानों ने किया उपद्रव

SITAMARHI : आरक्षण के मुद्दे को लेकर एससीएसटी के विभिन्न संगठनों ने जहां एक तरफ भारत बंद का आवाह्न किया था। जिसका मिलता जुलता असर सीतामढ़ी में देखने को मिला। अहले सुबह से जिले के विभिन्न संगठन के कार्यकर्ता एवं सैकड़ो छात्र द्वारा हाथ में बैनर एवं तकथा लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को लेकर दिए गए आदेश का विरोध कर रहे थे। शहर के किरण चौक, मेहसौल चौक कारगिल चौक एवं डुमरा के शंकर चौक छात्रों के द्वारा टायर जलाकर एवं बास बल्ला लगाकर सड़क को अवरुद्ध किया गया था। डुमरा के शंकर चौक पर प्रदर्शनकारियों ने राहगीर के साइकिल की हवा निकाल रहे थे। वहीं प्रदर्शनकारियों ने न्यायाधीश की गाड़ी तक को लौटा दिया। जिसकी सूचना पर सदर डीएसपी वन रामकृष्ण मौके पर पहुंच आंदोलनकारियो पर बलपूर्वक प्रयोग कर  समझा बुझाकर सड़क पर जल रहे टायर को हटा जाम छुड़ाएं। सभी से अपील किया की शांतिपूर्वक तौर पर अपना विरोध प्रदर्शन करें एवं राहगीरों को किसी तरह की कठिनाई उत्पन न करे। डीएम एसपी सुबह से ही पूरे काफिले के साथ भ्रमण सील रहे। बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। चीफ जस्टिस के नेतृत्व वाली संविधान पीठ ने 6:01 बहुमत से या फैसला दिया कि राज्य सरकारों को एससी-एसटी के भीतर उप वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है। ऐसा इसलिए ताकि उसमें जातियों का आरक्षण का लाभ दिया जा सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से ज्यादा पिछड़ा है।

वहीँ औरंगाबाद में भारत बंद का दूसरी जगहों की अपेक्षा कम असर देखने को नहीं मिला है। हालाँकि भीम आर्मी के द्वारा लगातार बंद करने का प्रयास किया गया। जिसे आम जनता ने नहीं कबूल किया। जिसके कारण आक्रोशित भीम आर्मी के सदस्यों  ने दुकानदारों के साथ मार पीट करना शुरू कर दिया। जिसमे एक दुकानदार का सर फट गया है। इस मौके पर मौजूद पुलिस बल के द्वारा घायल युवक को हॉस्पिटल लाया गया और उसे इलाज कराया गया। इसके उपरांत पुलिस बल के द्वारा उसकी दुकान भी खुलवाया गया और प्राथमिकी भी दर्ज करने की बात कही गई है।  इस मामले के उपरांत बंद समर्थको में थोड़ी मायूसी छा गई। भीम आर्मी के समर्थको ने आवाम को अपने विपरीत देख हार थक कर जिला मुख्यालय के रमेश चौक पर दर्जनों की संख्या में एकत्रित होकर जाम कर दिया और केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी किया। जब बंद समर्थको से बंदी को लेकर बात किया गया तो उसने बताया की सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जो फैसला लाया गया है वह जनता के हित में नहीं है। जिसको लेकर आज भारत बंद का आवाहन किया गया है। यह बंदी भारत सरकार तक जनता की आवाज पहुंचाने को लेकर किया गया है। उन्होंने यह भी बताया की भारत सरकार सदन के माध्यम से कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश को निरस्त करे नही तो आने वाले दिन में भारत सरकार को लगातार बंदी की सामना करना पड़ सकता है। कुछ बंद समर्थको का यह कहना था की सरकार दलित और महादलितो को आपस में भिड़ाना चाह रही है। लेकिन हमलोग इस मामले में एक जुट है। आरक्षण बाबा साहब ने हमे जन्म सिद्ध अधिकार दिया है। हम सब इसमें छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगे। वही कुछ समर्थको का यह भी कहना था की सरकार अगर आरक्षण को बंद करना चाहती है तो सरकार एक शिक्षा पद्धति लागू करे। ंदी को लेकर आम जनता और दुकानदारों से बात किया गया तो लोगो ने बताया की औरंगाबाद में बंदी का कोई असर नही है, और बंद समर्थको द्वारा भी केवल बंदी का खानापूर्ति किया जा रहा है। 

उधर बेतिया में भी भारत बंद का असर देखा गया। आरक्षण के वर्गीकरण के विरोध में आज देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। इसी क्रम में बेतिया शहर के जिला मुख्यालय में भी विभिन्न पार्टियों ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान अपनी मांगों के समर्थन में लोगों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार और आर एस एस के खिलाफ नारेबाजी व कई वाहनो के शीशे तोडे। हालांकि विधि व्यवस्था को लेकर प्रदर्शन करने वालों को देखते हुए शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे जो उनके द्वारा किये जा रहे तोडफोड को रोकने मे नाकामयाब रही। वहीं प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ पुलिस बल भी मौजूद थी। प्रदर्शन में शामिल युवा नेता भीम आर्मी दीपक राम ने कहा की पहले जाति खत्म कीजिये। फिर आरक्षण को खत्म करना होगा। कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए युवा नेता कहा की अगर हमारी मांगो को नहीं माना जायेगा तो ये आंदोलन आगे भी चलता रहेगा। कोर्ट के द्वारा आरक्षण का वर्गीकरण किया जा रहा है। वही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारते हुए कहा की मनुवादियों को उनकी औकात दिखा दी जाएगी और अगर सरकार को यह लगता है कि हमारी मांग जायज है। जब तक जातिवाद है। तब तक आरक्षण खत्म नहीं हो सकता ना कभी किया जा सकता है। ये लोग सिर्फ दलित के साथ होने का दावा करते हैं तो वहीं केंद्र सरकार और आरएसएस पर  ये लोग दलित विरोधी हैं और तरह-तरह का बयान दे रहे हैं।

वहीँ कटिहार में आरक्षण के मांग पर बंद समर्थकों ने सड़क पर क्रिकेट खेल कर बंद को सफल बनाया। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आरक्षण की मांग को लेकर बंद को सफल साबित करने के लिये बंद समर्थको ने कटिहार के ह्रदय स्थली शहींद चौक पर क्रिकेट खेल कर अनोखे ढंग से बंद को लेकर प्रदर्शन किया।

सीतामढ़ी से अविनाश, औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर, बेतिया से आशीष और कटिहार से श्याम की रिपोर्ट 

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