पल-पल बदलता बिहार का सरकार... महागठबंधन से कांटे की टक्कर के बाद एनडीए गठबंधन आगे...

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना चल रही है इसी बीच सुबह से ही रुझानों में एनडीए गठबंधन और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है सहमत की खेल की तरह कभी एनडीए गठबंधन आगे बढ़ जाती है तो कभी महागठबंधन। रुझानों में सुबह से ही महागठबंधन आगे दिख रही थी लेकिन अब एनडीए गठबंधन आगे दिख रहा है।

सुबह साढ़े दस बजे NDA 125 पर पहुंच गया और महागठबंधन 109 पर आ गया।

सुबह 10 बजे NDA बढ़कर 119 पर था और महागठबंधन घटकर 114 पर आ गया था।

सुबह 9 बजे महागठबंधन को 120 सीटें मिल चुकी थीं और NDA 90+ सीटों पर था।

सुबह साढ़े आठ बजे रुझानों में महागठबंधन 60+ और NDA 40+ पर था।

बड़े चेहरों से जुड़े अपडेट्स...

लालू यादव के बेटे तेजस्वी राघोपुर से आगे हैं। दूसरे बेटे तेजप्रताप हसनपुर सीट से बढ़त बनाए हुए थे, लेकिन 10 बजे बाद वे इस सीट से पिछड़ गए।

मधेपुरा से उम्मीदवार पप्पू यादव तीसरे नंबर पर चल रहे हैं।

बिहारीगंज सीट से शरद यादव की बेटी सुभाषिनी दूसरे नंबर पर चल रही हैं।

बांकीपुर से शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा आगे चल रहे हैं।

परसा से जदयू के चंद्रिका राय आगे और इमामगंज से हम प्रत्याशी जीतनराम मांझी पीछे चल रहे हैं।

VIP के मुकेश सहनी सिमरी बख्तियारपुर सीट पर आगे चल रहे हैं।

जमुई से भाजपा की श्रेयसी सिंह बढ़त बनाए हुए हैं।

काउंटिंग से जुड़े अपडेट्स

55 काउंटिंग सेंटर: पूर्वी चंपारण, सीवान, बेगूसराय और गया में तीन-तीन, नालंदा, बांका, पूर्णिया, भागलपुर, दरभंगा, गोपालगंज, सहरसा में दो-दो काउंटिंग सेंटर बनाए गए। 55 काउंटिंग सेंटरों में 414 हॉल बनाए गए।

चुनाव प्रचार के 4 बड़े चेहरे....

नीतीश कुमारः खुद चुनावी मैदान में तो नहीं थे, लेकिन जदयू का सबसे बड़ा चेहरा नीतीश ही थे। उन्होंने 103 इलाकों में 113 चुनावी रैलियां कीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीः मोदीकाल का ये पहला चुनाव था, जिसमें अमित शाह नदारद रहे। मोदी ही प्रचार का बड़ा चेहरा रहे। उन्होंने प्रचार के दौरान बिहार में 12 रैलियां कीं।

तेजस्वी यादवः महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार भी हैं। तेजस्वी ने 21 दिन में 251 चुनावी सभाएं कीं। यानी, हर दिन औसतन 12 रैलियां। 4 रोड शो भी किए।

राहुल गांधीः कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तबीयत खराब होने की वजह से प्रचार से दूर रहीं। राहुल की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका भी कहीं नहीं दिखाई दीं। कांग्रेस के लिए राहुल ने ही प्रचार का मोर्चा संभाला। उन्होंने कुल 8 रैलियां कीं।

2019 लोकसभा चुनाव में 223 विधानसभा सीटों पर आगे था एनडीए

2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में 39 सीटें एनडीए को मिली थीं। सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस का उम्मीदवार जीता था। लोकसभा के नतीजों को अगर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो एनडीए को 223 सीटों पर बढ़त मिली थी। इनमें से 96 सीटों पर भाजपा तो 92 सीटों पर जदयू आगे थी। लोजपा 35 सीटों पर आगे थी।

एक सीट जीतने वाला महागठबंधन विधानसभा के लिहाज से 17 सीटों पर आगे था। इनमें 9 सीट पर राजद, 5 पर कांग्रेस, दो पर हम (सेक्युलर) जो अब एनडीए का हिस्सा है और एक सीट पर रालोसपा को बढ़त मिली थी। अन्य दलों में दो विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम और एक पर सीपीआई एमएल आगे थी।

2015 में साथ लड़े थे राजद और जदयू

2015 के चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस ने साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। इस गठबंधन को 178 सीटें मिलीं थी। लेकिन, डेढ़ साल बाद ही नीतीश महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में चले गए। इस चुनाव में एनडीए में भाजपा, VIP और हम (सेक्युलर) के साथ जदयू भी है। वहीं, पिछले चुनाव में एनडीए का हिस्सा रही रालोसपा और लोजपा के साथ है।

मुख्यमंत्री पद के दावेदार

नीतीश कुमार: 2010 के चुनाव में नीतीश एनडीए की ओर से तो 2015 में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। इस बार फिर वो एनडीए की ओर से सीएम फेस हैं। पिछले 15 साल से राज्य में नीतीश की पार्टी सत्ता में है। इनमें 14 साल से ज्यादा नीतीश ही मुख्यमंत्री रहे हैं।

तेजस्वी यादव: महागठबंधन की ओर से इस बार तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। लालू यादव के जेल जाने के बाद महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद का चेहरा तेजस्वी ही हैं। पूरा चुनाव महागठबंधन ने तेजस्वी के चेहरे पर ही लड़ा है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव प्रचार के पोस्टर तक से गायब थे।