बिहार में होगी जबर्दस्त बारिश,मानसून में टूट जायेगा दो दशक का रिकार्ड, इन जिलों में तो झमाझम का अनुमान...

पटना- आसमान से आग बरस रही है. लोग गर्मी से बेहाल है. गरज बरस प्यासी धरती को पानी दे दे मौला...गुहार लगा रहे हैं. इसके बीच मौसम विभाग ने मन को सूकुन देने वाली खबर दी है. इस बार मानसून वक्त से पहले दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून 19 मई के बाद पहुंच जाएगा.भारतीय मौसम विभाग के अनुसार  मॉनसून  इस साल वक्त से पहले आ रहा है.आमतौर पर यह अंडमान-निकोबर द्वीप के तट पर 22 मई के आसपास दस्तक देता है लेकिन, इस बार यह तीन दिन पहले 19 मई तक पहुंच जाएगा. इस साल मानसून के 31 मई के आसपास केरल पहुंचने की उम्मीद है.मानसून के उत्तर की ओर बढ़ने पर चिलचिलाती गर्मी से राहत मिल सकती है.

मौसम विभाग के अनुसार बिहार में दो दशक के बाद इस बार मॉनसूनी बारिश रिकॉर्ड तोड़ सकती है.वहीं बिहार में दो दशक बाद इस बार मानसून की बारिश रिकॉर्ड तोड़ सकती है. प्रदेश में 2004 से 2023 के दौरान वर्ष 2007 में मानसून की बारिश सामान्य से लगभग 30 प्रतिशत अधिक हुई थी. मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष ला-नीना का प्रभाव होने और अंडमान-निकोबार में समय से पूर्व मानसून के दस्तक देने के कारण बिहार में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.

दक्षिण पश्चिम मॉनसून 19 मई को अंडमान सागर के साथ बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करेगा. इसके बाद यह पूर्वोत्तर भारत में 25 मई को आगे बढ़ेगा. 15 जून तक गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार में मॉनसून की एंट्री हो सकती है. 20 जून तक ये गुजरात और मध्य प्रदेश के आंतरिक इलाकों में दस्तक दे सकता है. वहीं बिहार में दो दशक बाद इस बार मानसून की बारिश रिकॉर्ड तोड़ सकती है. प्रदेश में 2004 से 2023 के दौरान वर्ष 2007 में मानसून की बारिश सामान्य से लगभग 30 प्रतिशत अधिक हुई थी. मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष ला-नीना का प्रभाव होने और अंडमान-निकोबार में समय से पूर्व मानसून के दस्तक देने के कारण सूबे में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.

मौसम विभाग ने जून- जुलाई में राज्य के अधिकतर हिस्सों में सामान्य बारिश का पूर्वानुमान किया है. मौसमविदों के कि मानसून इस बार अच्छा होने का पूर्वानुमान दिया हुआ है; कारण ये है कि इस साल एल- नीनो कंडीशन चल रही है, धीरे-धीरे हम देख रहे हैं कि एल - नीनो कंडीशन अब बेअसर हो रही है और ला-नीना की तरफ़ हम जा रहे हैं. ला-नीना का सीधा असर भारतीय मानसून पर होता है और ला नीना कंडीशन इंडियन मानसून के लिए अच्छी होती है; अगर ला नीना फेज है; इसका मतलब मानसून अच्छा होने की उम्मीद है, एल नीनो और ला नीना एक ग्लोबल फेनोमिना है; ऐसा देखा गया है कि ये साइक्लिक फेनोमिना है जैसे कुछ साल एल नीनो होता है और कुछ साल ला नीना होता है; इसका साइकिल तीन से सात साल तक की होती है.मुताबिक बिहार में जून-जुलाई में सामान्य बारिश हो सकती है.

मौसम विभाग के मुताबिक अल नीनो प्रणाली के कमजोर पड़ने पर ला नीना की स्थितियां बेहतर हुई हैं. विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में इसमें और सुधार होने की संभावना है. ला नीना के साथ-साथ हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां भी इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल दिखाई दे रही हैं और ये सारे संकेत अच्छे मॉनसून की तरफ इशारा कर रहे हैं, इससे मई में सामान्य से अच्छी बारिश के अनुमान जताया गया है.

पहला, समुद्र का सामान्य तापमान से 0.5 से -0.5 के बीच में रहता है। इसे नेचुरल फेज कहते हैं. दूसरा, समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक गर्म होने पर अल-नीनो और तीसरा- समुद्र के सामान्य तापमान से 0.5 से अधिक ठंडा होने पर ला- नीना कंडीशन बनता है. अल-नीनो का प्रभाव पड़ने पर मानसून की बारिश दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के रास्ते पेरू और ब्राजील की तरफ शिफ्ट हो जाती है. इस कारण भारत में कम बारिश होती है. वहीं ला-नीना में ठंडा होने पर बारिश की ट्रेड विंड मजबूत होता है. इस कारण भारत में अच्छी बारिश होती है. जब भी ला- नीना कंडीशन बना है, तो बिहार में मानसून की अच्छी बारिश हो सकती हैै.