यह है पब्लिक फ्रेंडली पुलिस, मुफ्त में नहीं दी सब्जी तो किशोर को भेज दिया जेल

PATNA : पुलिस के बड़े अधिकारी पब्लिक फ्रेंडली पुलिसिंग का दावा करते है, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। खासकर एक आम और गरीब आदमी के लिए पुलिस और गुंडो में कोई फर्क नहीं है। पुलिस कितनी पब्लिक फ्रेंडली है इसका एक ऐसा मामला राजधानी पटना में सामने आया है जिसे जानकर आपके होश उड़ जायेंगे।
मामला पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर है। जहां पुलिस ने मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर 14 वर्षीय किशोर को उसके घर से उठाकर बाइक लुटेरा बना डाला। किशोर को बालिग बनाने के लिए पुलिस ने उसके आधार कार्ड में अंकित 14 वर्ष को 18 बना उसे रिमांड होम की बजाय जेल भेज दिया। किशोर के परिजनों का कहना है कि बच्चे की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने अगमकुआं थाने की जिप्सी से आने वाले पुलिसकर्मी को मुफ्त में सब्जी देना बंद कर दिया था।
घटना बीते 19 मार्च की है। इधर मीडिया में खबर आने के बाद अब आलाधिकारी जांच कराने की बात कह रहे हैं, जबकि उसके पिता तीन महीने से थाने से लेकर एसएसपी तक से गुहार लगा थक चुके हैं। दरअसल मूलरूप से पालीगंज के निवासी किशोर के पिता, पत्नी, बेटे और बेटी के साथ पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के चित्रगुप्त नगर में किराए के मकान में रहते हैं। पिता और बेटा महात्मा गांधी नगर में ठेले पर सब्जी बेचते हैं।
19 मार्च की शाम साढ़े सात बजे बेटा सब्जी बेचकर लौटा कि पुलिस की एक जीप आई। किशोर से कहा गया कि चलो, तुमको बड़ा बाबू बुला रहे हैं। इसके बाद उसे जीप में बिठाकर ले गए। उसे बचाने के लिए बड़ी बहन कुछ दूर जीप के पीछे दौड़ी भी थी। यह पूरा वाकया मिठाई दुकान के बाहर लगे सीसी कैमरे में कैद हो गया था। पिता ने बताया कि रात 11 बजे तक बेटा नहीं लौटा तो वह पत्रकार नगर थाने गए। वहां से कोई सार्थक जवाब नहीं मिला। दूसरे दिन वह फिर थाने गए तो उनसे गांधी मैदान स्थित रंगदारी सेल में जाकर पता करने को कहा गया। रंगदारी सेल के पदाधिकारियों ने भी पिता को बैरंग लौटा दिया। तब उन्हें अपहरण की आशंका हुई। 21 मार्च को उन्हें पत्रकार नगर थाने से बाईपास थाने भेजा गया तो पता चला कि बाइक लूटने के आरोप में बेटे को वैशाली के राघोपुर निवासी नितेश कुमार उर्फ अफरीदी और अगमकुआं निवासी विशाल कुमार के साथ जेल भेज दिया गया है।