चुनाव जो न कराए...'कॉमरेड' के स्मारक पर BJP के कद्दावर नेता ! यादव वोट में सेंध लगाने की कोशिश तो नहीं...?

PATNA: बिहार में इस बार के लोकसभा चुनाव में लहर जैसा कुछ भी नहीं दिख रहा. सीटिंग सांसदों को लेकर आम जनता में भारी नाराजगी है. चाहे जेडीयू के कैंडिडेट हों या भाजपा के, वोटरों में इनके प्रति काफी आक्रोश है. इस बार का जातीय समीकरण भी भाजपा-जेडीयू कैंडिडेट के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा. लिहाजा सत्ताधारी दल के उम्मीदवार रूठे वोटरों को मनाने की हर कोशिश कर रहे हैं. भाजपा के एक बड़े नेता भी अपने संसदीय क्षेत्र में फंसे हुए हैं. चुनाव के बीच भगवा पार्टी के उम्मीदवार कॉमरेड की शरण में पहुंच गए हैं. मकसद है यादव वोटरों पर डोरे डालना. 

राधामोहन के खिलाफ राजेश कुशवाहा मैदान में 

पूर्वी चंपारण सीट से भाजपा उम्मीदवार राधामोहन सिंह लगातार चौथी दफे जीत दर्ज करने चुनावी मैदान में हैं. हालांकि 2019 के लोस चुनाव में इन्होंने अपना अंतिम चुनाव बताकर लोगों से वोट लिया था. खैर...इस बार भी भाजपा ने इन पर भरोसा जताया और पूर्वी चंपारण से चुनावी मैदान में उतारा है. उधऱ, महागठबंधन की तरफ से वीआईपी प्रत्याशी राजेश कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं. दोनों के बीच कड़ी टक्कर है. जातीय समीकरण की बात करें तो महागठबंधन प्रत्याशी की स्थिति मजबूत दिख रही है. इस सीट पर सहनी के साथ-साथ कुशवाहा वोटरों की भी बड़ी तादात है. कैंडिडेट कुशवाहा जाति से ही आते हैं. इस बार के ट्रेंड के मुताबिक कुशवाहा वोट एनडीए की बजाय महागठबंधन प्रत्याशी की तरफ जाते दिख रहा है. चूंकि राजेश कुशवाहा मुकेश सहनी के प्रत्याशी हैं. लिहाजा सहनी समाज के अधिकांश वोटर वीआईपी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं. यादव वोटरों की संख्या भी अच्छी-खासी है. भाजपा प्रत्याशी की नजर यादव वोटरों पर है. लिहाजा राधामोहन सिंह यादव समाज में अपनी ताकत लगा रहे हैं. 

कॉमरेड की शरण में भगवाधारी पार्टी के कैंडिडेट 

पूर्वी चंपारण से भाजपा प्रत्याशी राधामोहन सिंह रविवार को कॉमरेड यमुना यादव के स्मारक पर श्रद्धांजलि देने पहुंच गए. स्व. यमुना यादव के बेटे मनोज यादव राजद के जिलाध्यक्ष हैं. साथ ही कल्याणपुर विस सीट से राजद के विधायक भी हैं. राधामोहन सिंह के बेहद करीबी सचिन्द्र सिंह को हराकर ही मनोज यादव कल्याणपुर से विधायक बने हैं. जानकार बताते हैं कि भाजपा प्रत्याशी इस फेरा में हैं कि यादव वोटरों में सेंधमारी की जाय. उनकी नजर स्व यमुना यादव के विधायक बेटे मनोज यादव पर है. लिहाजा बिना किसी आयोजन के राधामोहन सिंह 5 मई को राजद विधायक के गांव पहुंच गए और उनके पिता पूर्व विधायक स्व. यमुना यादव के स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. भाजपा प्रत्याशी राधामोहन सिंह ने बजाप्ता इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा है, ''पूर्वी चंपारण जिले के कोटवा प्रखंड अंतर्गत जमुनिया गांव में स्थित पूर्व विधायक स्व. यमुना यादव जी के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। स्व. यमुना यादव जी एक संघर्षशील नेता और गरीबों, पिछड़ों एवं जरूरतमंदों की आवाज़ थे। सैद्धांतिक मतभेदों के बावजूद वे मेरे अतिनिकट एवं करीबी थे। एक व्यवहारिक जननेता के रूप में उन्होंने आजीवन काम किए.''

बड़ा सवाल यही है कि क्या राधामोहन इस मिशन में कामयाब हो पायेंगे?  क्या  स्व. यमुना यादव को अपना  बेहद करीबी बताकर वर्तमान विधायक मनोज यादव को पक्ष में या चुप करा पायेंगे ? तेजस्वी यादव लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं, यादव वोटरों  को गोलबंद करा रहे हैं, ऐसे में  स्व. यमुना यादव की स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि देकर भाजपा प्रत्याशी राधामोहन सिंह यादव वोटरों को प्रभावित कर पाएँगे, इसका अनुमान कम ही है. वैसे भी 2025 में विधानसभा का चुनाव है, अगर विधायक मनोज यादव महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में मजबूती से नहीं उतरे तो उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.