पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की जयंती पर अर्पित की श्रद्धांजलि, मगध विश्वविद्यालय, उत्तरी कोयल परियोजना नहर, पटना तारामंडल निर्माण रही मुख्य उपलब्धि

पटना. पूर्व मुख्यमंत्री स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की जयंती के अवसर पर शुक्रवार को राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित की. राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा पार्क, श्रीकृष्णापुरी में आयोजित राजकीय समारोह में स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की. 

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव अरविंद कुमार सिंह उर्फ़ छोटू सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी स्व० सत्येन्द्र नारायण सिन्हा जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

छोटू सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले सत्येन्द्र सिन्हा 1952 से 1961 तक सांसद रहे. उन्होंने औरंगाबाद लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया था. उन्हें छोटे साहब के उपनाम से जाना जाता था. सत्येन्द्र सिन्हा 1961 में बिहार के शिक्षा मंत्री, कृषि और स्थानीय प्रशासन मंत्री बने जो उप मुख्यमंत्री के हैसियत में थे. उनके ही शिक्षा मंत्री रहते हुए  मगध विश्वविद्यालय की स्थापना की. औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र के सांसद के रूप में उन्होंने 1972 में महत्वपूर्ण उत्तरी कोयल परियोजना नहर का शिलान्यास किया था. इन्होंने वर्ष 1988 में ऐतिहासिक पटना तारामंडल की आधारशिला रखी, साथ ही अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में बिहार के नवीनगर में सुपर थर्मल पावर परियोजना की सिफारिश की. वे वर्ष 1989 में बिहार के मुख्यमंत्री बने थे. 

उन्होंने कहा कि सत्येंद्र नारायण सिन्हा की पत्नी किशोरी सिन्हा वैशाली की पहली महिला सांसद थी तथा 1980 में जनता पार्टी व 1984 में कांग्रेस पार्टी से सांसद बनी थी. अस्सी व नब्बे के दशक में किशोरी सिन्हा ने महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की थी. छोटू सिंह ने कहा कि आपातकाल के दौर में सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के प्रोत्साहन पर आपातकाल आन्दोलन से नीतीश कुमार, नरेन्द्र सिंह, रामजतन सिन्हा, लालू प्रसाद यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह, सुशील कुमार मोदी, रामविलास पासवान और सुबोधकान्त सहाय जैसे तात्कालीन युवा नेता निकले.