कटिहार जीआरपी के संरक्षण में फल-फूल रहा वेंडर माफिया, हर महीने चढ़ाया जाता है 50 हजार नजराना, मामला सामने आने के बाद मचा हड़कंप

KATIHAR : कटिहार रेल मंडल में अधिकारियों की मिलीभगत से ट्रेनों में अवैध वेंडर का एक बड़ा रैकेट चल रहा है, जीआरपी (रेल पुलिस) को वेंडरों द्वारा मोटी नज़राना देकर यह काम वर्षों से चल रहा है, सूत्र के माने तो कटिहार में 500 सौ  से अधिक वेंडर जीआरपी और रेल के अधिकारियों को नजराना देकर बगैर किसी लाइसेंस के ही अपना धंधा चला रहे हैं,इस खेल का खुलासा तब हुआ जब वर्षों से वेंडरिंग के धंधे से जुड़े वेंडर अधिकारियों तक पहुचने वाले नजराना की रकम बड़ा देने के आरोप में आपस में ही उलझ पड़े। मारपीट इस हद तक पहुंच गई कि एक गिरोह के वेंडर   को अस्पताल तक में भर्ती करवाना पड़ा।  फिलहाल अस्पताल में भर्ती वेंडर बिकाऊ  साहनी पूरे खेल का खुलासा कर रहे हैं>

मारपीट में घायल वेंडर बिकाऊ सहनी से कटिहार जंक्शन में चल रहे वेंडरों के वर्चस्व की लड़ाई का खुलासा करते हुए बताया कि यहां कई सालों से साधू राय वेंडरों का मुखिया बनकर काम कर रहा है। उसके अंदर ही सारे वेंडर यहां अपना धंधा करते हैं. जिसके लिए वह हर वेंडर से 30-60 रुपए की हर दिन वसूल करता है। स्टेशन पर कोई और अपना धंधा न कर सके। इसके लिए वह हर माह 20 हजार रुपए जीआरपी को देता है।

खुद ठेका लेना चाह रहा था वेंडर

गड़बड़ी तब शुरू हुई तब घायल वेंडर ने खुद यहां का काम लेने की कोशिश शुरू कर दी। जिसके बदले में जीआरपी ने 50 हजार रुपए हर माह देने की बात कही। जीआरपी के लिए यही मौका था कि वह साधू राय से यही रकम की मांग करे। मजबूरी में साधू राय को भी हर माह 50 हजार रुपए जीआरपी को देने के लिए सहमत होना पड़ा। लेकिन, साधू राय ने इसके लिए सीधे सीधे बिकाऊ सहनी को जिम्मेदार माना और कल की मारपीट उसकी नतीजा रहा। लेकिन इस मारपीट की घटना ने जंक्शन में संचालित वेंडर माफिया की पूरी खोलकर रख दी कैसे जीआरपी को इनका संरक्षण हासिल हुआ है।

सरकार दे लाइसेंस 

 कुछ वेंडर ऐसे भी है जो इस अवैध धंधा को मजबूरी बताते हुए दबी जुबान से मेट के माध्यम से अधिकारी तक रुपया पहुंचाने की बात कबूलते हुए कहते हैं कि बेरोजगारी के कारण ऐसा करना पड़ रहा है अगर सरकार नियम अनुसार लाइसेंस जारी करवा दे तो सबसे बेहतर होगा। इन वेंडरों ने बताया कि फिलहाल जंक्शन पर सौ से ज्यादा वेंडर हर दिन यहां धंधा करते हैं। 

 मंडल के अधिकारियों में मचा हड़कंप

उधर रेलवे जीआरपी के मिलीभगत से इस अवैध खेल के खुलासे पर कटिहार रेल मंडल में भी हड़कंप मच गया है, एडीआरएम ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की बात करते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने का  आश्वासन दिया है

निश्चित तौर पर रेलवे स्टेशन में अवैध रूप से वेंडरिंग करना वेंडरों की मजबूरी जरूर हो सकता है मगर वैसे रेलवे जीआरपी अधिकारियों का क्या मजबूरी है जो इनसे नजराना लेकर ऐसा काम करवा रहे हैं।