Vishwakarma Puja 2024: विश्वकर्मा पूजा कब है ? सबसे खास मुहूर्त का यह है समय, पूजा विधि में जरुर करें यह काम
Vishwakarma Puja : भगवान विश्वकर्मा की पूजा इस वर्ष 16 सितम्बर को करें या 17 सितम्बर को? अगर आप भी इसे लेकर किसी तरह से दुविधा में हैं तो अपनी दुविधा दूर कर लें. विश्वकर्मा जयंती व विश्वकर्म दिवस के नाम से होने वाली भगवान विश्वकर्मा की पूजा इस वर्ष 17 सितंबर को ही होगी. भगवान विश्वकर्मा की पहचान सृजनकर्ता देव के रूप में है. ऐसे में उनकी आराधना का मूल उद्देश्य निर्माण और सृजन का विकास एवं उन्नयन माना जाता है. यही कारण है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा को लेकर तमाम तरह के विनिर्माण क्षेत्रों में विशेष आयोजन किए जाते हैं.
भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने का शुभ मुहूर्त : सृजनकर्ता भगवान विश्वकर्मा की पूजा को लेकर 17 सितम्बर के पूरे दिन को सबसे खास माना जाता है. शुभ मुहूर्त की बात करें तो श्रद्धालु दिन के समय कभी भी पूजा कर सकते हैं. हालांकि सुबह 6.30 बजे से शाम 6.16 बजे के बीच ही पूजा करें तो बेहतर होगा. इस अवधि के पहले और बाद में पूजा करने से बचना चाहिए. ऐसे में 17 सितम्बर का पूरा दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए सबसे खास समय होगा.
कैसे करे पूजा : भगवान विश्वकर्मा की पूजा कैसे करें यह भी बेहद महत्वपूर्ण है. शास्त्रकारों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे अगर अपने मशीनों और शस्त्र की पूजा कर रहे हैं तो पहले उसे साफ कर लें. सबसे पहले नहा लें और साफ कपड़े पहन लें. पूजा सामग्री में हल्दी, अक्षत, फूल, सुपारी, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल, दीपक और रक्षासूत्र शामिल करें. पूजा में लोहे के यंत्र या लोहे से बनी वस्तुएं जरुर शामिल करें. पूजा में रखे कलश पर हल्दी का तिलक लगाएं और उसे रक्षा सूत्र से बांधें. पूजा के दौरान ओम आधार शक्तपे नम: और ओम कुमाय मंत्र का जाप करके पूजा शुरू करें.
विश्वकर्मा पूजा कहाँ होती है : विश्वकर्मा पूजा आम तौर पर देश के हर राज्य में होती है. लेकिन पूर्वी भारत में विश्वकर्मा पूजा काफी धूमधाम से होता है. विशेषकर पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में इस दिन तमाम लोग अपने घरों और कारखानों में मशीनों की पूजा करते हैं. इतना ही नहीं वाहनों की पूजा भी विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर होती है.