RCB Victory Parade Stampede: RCB के जश्न में मातम का माहौल! चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर पहुंचा 10
RCB Victory Parade Stampede: RCB की जीत के जश्न में चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई। प्रशासन की लापरवाही और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ने हालात और गंभीर बना दिए।
RCB Victory Parade Stampede: चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. भगदड़ में मरने वालों की संख्या 10 हो गई है.आरसीबी के जश्न के दौरान हुई अफरा-तफरी पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "बेंगलुरु में आरसीबी के जश्न में हुई मौतों की कोई जानकारी नहीं, जानकारी मिलने पर सूचित करेंगे. यह युवा जोशपूर्ण भीड़ थी.. हम लाठी का इस्तेमाल नहीं कर सकते. प्रशासन को दोष नहीं दूंगा, हमारा प्रशासन बेस्ट है.
चिन्नास्वामी स्टेडियम में हो रहा कार्यक्रम खत्म हो चुका है. स्टेडियम के बाहर अभी भी हजारों फैंस मौजूद हैं.कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, "भारी संख्या में लोग जुटे थे. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जो हादसा हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण है. स्टेडियम में जो कार्यक्रम है उसे छोटा किया गया है. मैं अस्पताल में लोगों को देखने जा रहा हूं."RCB की एक प्रशंसक ने कहा, "अंदर भी सीटें भरी हुई हैं और इसलिए वे हमें अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. हम वापस जाना चाहते हैं, लेकिन हमें वापस जाने की अनुमति नहीं है. गेट पर लोगों की भीड़ है, अगर वे गेट खोलते भी हैं तो लोग अंदर आना शुरू कर देंगे और बहुत से लोग घायल हो गए हैं.कर्नाटक पुलिस ने एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया. बड़ी संख्या में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के फैंस अपनी चैंपियन टीम की एक झलक पाने के लिए यहां पहुंचे हैं.
कर्नाटक बीजेपी का हमला
कर्नाटक बीजेपी ने कहा, "7 लोगों की मौत हो गई. कांग्रेस सरकार की गैरजिम्मेदारी के कारण भगदड़ के बाद कई लोग जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया. कोई बुनियादी व्यवस्था नहीं. बस अराजकता. जब निर्दोष लोग मर रहे थे, सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार क्रिकेटरों के साथ रील शूट करने और लाइमलाइट बटोरने में व्यस्त थे. यह आपराधिक लापरवाही है. कांग्रेस सरकार के हाथ खून से सने हैं."
हमें आरसीबी और कर्नाटक पर बहुत गर्व
डीके शिवकुमार ने कहा, "हमें आरसीबी और कर्नाटक पर बहुत गर्व है. 18 साल का एक लंबा संघर्ष था." भगदड़ को लेकर उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि भीड़ इतनी जुड़ गई , जिसे नियंत्रण करना मुश्किल था. मैं बेंगलुरु और कर्नाटक के सभी लोगों से माफ़ी मांगता हूं, हम जुलूस निकालना चाहते हैं, लेकिन भीड़ बेकाबू है."