UP Politics: हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब्बास अंसारी की बहाल हुई विधानसभा सदस्यता
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल मच गई है। दिवंगत बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई है। विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को आदेश जारी करते हुए साफ कर दिया कि अब्बास अंसारी अब मऊ सदर सीट से वैध सदस्य माने जाएंगे।
हाईकोर्ट से मिली राहत
अब्बास अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद दिए गए एक भाषण में अधिकारियों को धमकाने के मामले में दोषी करार दिया गया था। मऊ की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा और जुर्माना सुनाया था। इसी आधार पर 1 जून 2025 को उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी और निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि, अब्बास ने फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने निचली अदालत का आदेश निरस्त कर दिया और उन्हें राहत दे दी। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी किया।
क्या था मामला?
अब्बास अंसारी ने 2022 में चुनाव जीतने के बाद एक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी थी। अदालत ने इस मामले में उन्हें दोषी माना और आईपीसी की धारा 153ए, 189, 506 और 171एफ के तहत सजा सुनाई। उनके चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी को भी दोषी ठहराया गया और छह महीने की सजा दी गई थी।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक हैं। वे अपने पिता मुख्तार अंसारी की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हेट स्पीच का यह मामला भी शामिल है।