Eathquake: तेज भूकंप से डोली धरती, अफरातफरी में लोग घरों से निकले बाहर, कई जगह मची अफरा-तफरी
Eathquake: नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप सुबह 6:20 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई।
Eathquake:शुक्रवार की सुबह भूकंप के झटकों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप सुबह 6:20 बजे (भारतीय समयानुसार) आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई। इसका केंद्र अफगानिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के निकट, 10 किलोमीटर की गहराई पर था। सौभाग्यवश, इस भूकंप से किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है।
अफगानिस्तान का यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव के कारण भूकंपीय दृष्टि से अत्यंत सक्रिय है। हिंदूकुश क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं, जिसके कारण यहाँ की जनता भूकंपीय गतिविधियों से परिचित है। फिर भी, प्रत्येक झटका दहशत का माहौल पैदा करता है। इस बार के भूकंप ने एक बार फिर इस क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता को उजागर किया है, हालाँकि कोई बड़ा नुकसान न होने से राहत की साँस ली जा रही है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में भी जून 2025 की शुरुआत में भूकंपीय गतिविधि दर्ज की गई। एनसीएस के अनुसार, 1 जून 2025 को सुबह 8:44 बजे (भारतीय समयानुसार) 2.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र मेरठ के किठौर क्षेत्र से 2.1 किलोमीटर पूर्व में, 28.87 उत्तरी अक्षांश और 77.96 पूर्वी देशांतर पर, 5 किलोमीटर की गहराई पर था। इस भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण कोई नुकसान नहीं हुआ, और इसे अधिकांश लोगों ने महसूस भी नहीं किया।
पिछले कुछ महीनों में न केवल अफगानिस्तान और भारत, बल्कि विश्व के अन्य हिस्सों में भी भूकंपीय गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। जून 2025 में ही ग्रीस के क्रेते तट के पास 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई थी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के अनुसार, यह भूकंप समुद्र तल के पास केंद्रित था, लेकिन सौभाग्यवश इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।पाकिस्तान, नेपाल, और चीन जैसे पड़ोसी देशों में भी मई और जून 2025 में कई भूकंप दर्ज किए गए। उदाहरण के लिए, 10 मई 2025 को पाकिस्तान में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र हिंदूकुश क्षेत्र में था। इसी तरह, 19 अप्रैल 2025 को 5.8 तीव्रता का भूकंप अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में आया, जिसके झटके जम्मू-कश्मीर हाल के महीनों में अफगानिस्तान में 161 भूकंप दर्ज किए गए, जिनमें से तीन 5.0 से अधिक तीव्रता के थे। उत्तर प्रदेश में इस वर्ष 34 भूकंप आए, जिनमें सबसे मजबूत 4.6 तीव्रता का था। ये आँकड़े दर्शाते हैं कि यह क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेटों की गतिशीलता के कारण भूकंपीय जोखिमों से ग्रस्त है। विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे-मोटे भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों में जमा ऊर्जा को रिलीज करते हैं, जो बड़े भूकंपों की संभावना को कम कर सकता है।पृथ्वी की भौगोलिक संरचना निरंतर गतिशील है। अफगानिस्तान और मेरठ जैसे क्षेत्रों में भूकंपीय सक्रियता सामान्य है, लेकिन सौभाग्यवश हाल के झटकों से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।