Bihar Education News :बिहार में शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है। हाल ही में हुई जांच में लगभग 40000 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। इनमें से अधिकांश शिक्षकों के CTET स्कोर निर्धारित मानकों से कम पाए गए हैं। इसके अलावा, कई शिक्षकों ने दिव्यांगता, जाति, निवास आदि के झूठे प्रमाण पत्र लगाए हैं।
इस घोटाले का दायरा और बड़ा हो सकता है। लगभग 24 हजार शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है। इन शिक्षकों के दस्तावेजों की दोबारा जांच की जा रही है। यदि दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं, तो इन शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया जाएगा और उनसे सरकार द्वारा दिए गए वेतन की वसूली की जाएगी।
सक्षमता परीक्षा में भी गड़बड़ी पाई गई है। पहले चरण की काउंसिलिंग में ही 96 शिक्षकों की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी।
1.87 लाख अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई थी, लेकिन 42 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो पाई।10 हजार से अधिक शिक्षकों का बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हो सका है।
सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है और दोषी शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।लगभग 80% शिक्षकों के CTET परीक्षा में निर्धारित न्यूनतम 60% अंकों से कम अंक प्राप्त हुए हैं।20% शिक्षकों ने दिव्यांगता, जाति, निवास, खेल आदि के फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए हैं।पहली जांच में फर्जी पाए गए दस्तावेजों के आधार पर शिक्षकों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है। अब सभी शिक्षकों की दोबारा जांच की जाएगी।सक्षमता परीक्षा पास अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के दौरान भी बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज पकड़े गए हैं। फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों से सरकार द्वारा दिए गए वेतन की वसूली की जाएगी।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले शिक्षकों को बर्खास्त किया जाएगा।दोषी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।