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BIHAR NAXALI ATTACK - CRPF कैंप तक सड़क निर्माण में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी के बेस कैंप पर नक्सलियों ने किया हमला, जेसीबी को फूंका

BIHAR NAXALI ATTACK - नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में नक्सलियों ने सड़क निर्माण कंपनी के बेस कैंप पर हमला किया है। जहां उन्होंने कर्मियों को कमरे में बंधक बना लिया और कंपनी के जेसीबी को आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।

BIHAR NAXALI ATTACK - CRPF कैंप तक सड़क निर्माण में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी के बेस कैंप पर नक्सलियों ने किया हमला, जेसीबी को फूंका

AURANGABAD - बिहार में औरंगाबाद उन आठ जिलों में शामिल है, जहां नक्सली अभी भी सक्रिय है और समय समय पर अपनी मौजूदगी को दिखाने के लिए वारदात को अंजाम देते रहे हैं। बीती रात भी यहां नक्सलियों ने सीआरपीएफ कैंप तक सड़क का निर्माण कर रही कंपनी के बेस कैंप पर हमला किया है। इस दौरान नक्सलियों ने कंपनी की एक जेसीबी मशीन को जला दिया। साथ ही कंपनी को चेतावनी देने के लिए पोस्टर भी चस्पा किया है। मामले में पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

हमले का यह मामला अति नक्सल प्रभावित मदनपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां मैन बिगहा मोड़ से दक्षिणी उमंगा पंचायत के चिल्हमी गांव होते हुए सीआरपीएफ कैंप तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य में सुविधा के लिए सड़क निर्माण कंपनी ने चिल्हमी गांव के पास बेस कैंप बनाया था। रात में अज्ञात हमलावरों ने बेस कैंप पर धावा बोला और वहां मौजूद कर्मचारियों को एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद उन्होंने बेस कैंप में खड़ी जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया।

गरीब-मजदूरों के शोषण के खिलाफ लगाए नारे

घटना के बाद बेस कैंप की दीवारों पर लाल और हरे रंग के स्केच पेन से लिखे पोस्टर चिपकाए गए। इन पोस्टरों में माओवादी विचारधारा और गरीब-मजदूरों के शोषण के खिलाफ नारे लिखे गए। पोस्टर में ‘लाल सलाम’, ‘गरीब मजदूर एक हैं’ और ‘सामंतवादी पूंजीवादी दलाल मुर्दाबाद’ जैसे नारे शामिल थे। पोस्टर पर ‘रीजनल कमिटी माओवादी (मध्य)’ का नाम लिखा गया है।

काफी देर बाद जब नक्सली वहां से वापस लौटे तो कंपनी के कर्मी बाहर निकले तो उन्होंने जेसीबी मशीन को जलता हुआ पाया और दीवार पर पोस्टर चिपका देखा। रात का अंधेरा होने के कारण वे हमलावरों की पहचान नहीं कर सके।

पुलिस की कार्रवाई और प्रारंभिक जांच

घटना की सूचना मिलते ही औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल, सदर एसडीपीओ अमित कुमार और मदनपुर थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और पोस्टरों को जब्त किया। पुलिस अधीक्षक अम्बरीष राहुल ने कहा कि घटना को नक्सलियों की करतूत का रूप देने की कोशिश की गई है। प्रारंभिक जांच में यह नक्सलियों की हरकत नहीं लग रही है, बल्कि असामाजिक तत्वों की साजिश प्रतीत होती है। पोस्टर में लिखी गई बातों और कर्मियों द्वारा बताए गए हमलावरों के हुलिया में भी मेल नहीं है।

क्षेत्र के लोगों में दहशत

 पुलिस भले ही इसे नक्सली हमला नहीं मान रही है, लेकिन घटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने निर्माण कंपनी के कर्मियों और अन्य संभावित गवाहों से विस्तृत जानकारी ली है।


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