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BIHAR NEWS : 137 वीं जयंती पर याद किये गए श्रीबाबू, पैतृक गाँव माऊर में समारोह का हुआ आयोजन, भारत रत्न दिलाने के लिए निकाली गयी पदयात्रा

BIHAR NEWS : बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह के 137 वीं जयंती के मौके पर अलग अलग जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके उनके पैतृक गाँव में आयोजित कार्यक्रम में नेताओं ने उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। साथ ही उन्हें भारत देने के लिए पदयात्

याद आये बिहार केसरी
श्रीबाबू के पैतृक गाँव में समारोह - फोटो : DEEPAK

SHEKHPURA : बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह की जयंती के अवसर पर उनके पैतृक गांव माऊर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान राजनीतिक दल के कई बड़े हस्ती भी श्री बाबू जयंती समारोह में शामिल होने उनके पैतृक गांव बरबीघा के माऊर पहुंचे। इस दौरान आए हुए अतिथियों का आयोजक द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान लोगों ने श्री बाबू के आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।जयंती समारोह के कार्यक्रम के बाद श्री बाबू को भारत रत्न दिलाए जाने को लेकर पदयात्रा निकाला गया। पदयात्रा की अगुआई आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सहजानंद प्रसाद और उनके पुत्र डॉ ऋषभ कुमार द्वारा किया गया ,वहीं आयोजन में डा पुर्व मंत्री महाचंद्र सिंह,पुर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनील शर्मा,वख्तियारपुर के पुर्व विधायक लल्लू मुखिया,जहानाबाद के पुर्व विधायक चितरंजन शर्मा डा आनंद डा कृष्ण मुरारी प्रसाद सिंह समाज सेवी मुकेश कुमार उर्फ पिन्टू एवं इस दौरान सैकड़ो की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह को भारत रत्न दिलाए जाने को लेकर निकाला गया पदयात्रा 26 अक्टूबर को पटना पहुंचेगा।जहां राज्यपाल को श्री बाबू को भारत रत्न दिलाए जाने के समर्थन में आवेदन दिए जाने की बात कही।इस मौके पर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि श्री बाबू द्वारा बिहार के किए गए कार्य को भुलाया नहीं जा सकता है।जबकि कुछ युवाओं ने भारत रत्न दिए जाने को लेकर पदयात्रा की शुरुआत किया जो बेहतर पहल है। लेकिन उन्होंने सरकार को पहले ही उन्हें भारत रत्न दिए जाने की बात कही है।

गया जिले के बेलागंज स्थित जदयू कार्यालय में महान स्वतंत्रता सेनानी और बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री, बिहार में औद्योगिक क्रान्ति लानेवाले बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 137वी जयंती सोमवार को समारोह पूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ बिहार केशरी के तैलचित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस दौरान मौके पर उपस्थित एनडीए कार्यकर्ताओं ने श्रीबाबू को श्रद्धांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हाई जदयू के जिला मीडिया प्रभारी रविशंकर कुमार कहा कि युवा अवस्था से ही श्रीकृष्ण सिंह स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे। एक किसान परिवार में जन्में श्रीबाबू की शिक्षा गांव के स्कूल और मुंगेर के जिला स्कूल में हुई। उन्होंने कहा कि श्रीबाबू अपने उसूलों से कभी कोई समझौता नहीं करते थे। उन्होंने देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम मंदिर में दलितों के प्रवेश का भी नेतृत्व किया था। जो दलितों के उत्थान और सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जमींदारी प्रथा को ख़त्म करने वाले वे देश के पहले मुख्यमंत्री थे। श्रीकृष्ण सिंह के  कार्यकाल में बिहार में उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला व सामाजिक क्षेत्र में कई कार्य हुये। उन्होंने आजाद भारत की पहली रिफाइनरी- बरौनी ऑयल रिफाइनरी, आजाद भारत का पहला खाद कारखाना- सिन्दरी और बरौनी रासायनिक खाद कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा कारखाना स्थापित किया। जयंती समारोह में उपस्थित नेताओं और एनडीए कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार से श्रीबाबू को भारत रत्न देने की मांग की। कार्यक्रम को भाजपा मंडल अध्यक्ष धनंजय शर्मा, बिरजू कुमार उज्वल, जदयू के कमलेश त्रिपाठी, धर्मपाल सिंह, चुन्नु शर्मा, जयप्रकाश कुशवाहा, निर्भय चंद्रवंशी सहित बड़ी संख्या में एनडीए कार्यकर्ता उपस्थित थे।

वहीँ भागलपुर में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डा० श्रीकृष्ण सिंह की जयन्ति विधायक अजीत शर्मा के निवास स्थित कांग्रेस के कैम्प कार्यालय में समारोहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटि के प्रतिनिधि डा० अभय आनन्द एवं उपस्थित कांग्रेसजनों ने श्रीकृष्ण बाबू के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया तथा सबों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी श्रद्धा निवेदित किया। इस अवसर पर कांग्रेसजनों को संबोधित करते हुए डा० अभय आनन्द ने कहा कि श्रीकृष्ण बाबू अविस्मरणीय व्यक्तित्व के स्वामी थे। उनके कार्यकाल में बिहार आर्थिक और प्रशासनिक रूप से भारत के सबसे प्रगतिशील राज्य के रूप में था। उन्होने अपने कार्यकाल में तत्कालीन बिहार राज्य के देवघर के मन्दिर में दलितों को प्रवेश दिलाकर सामाजिक समानता और स‌द्भाव का मिशाल कायम किया। उनके कार्यकाल में बिहार में औद्योगिक क्रान्ति के तरह दर्जनों उद्योग की स्थापना की गई। जिसमें बरौनी रिफाइनरी, भारत फर्टिलाईजर कारखाना, सिन्दरी, हटिया, बरौनी थर्मल पावर जैसे संस्थान शामिल है। श्रीबाबू ने बिहार के विकास में अमूल्य योगदान दिया जो बिहार की नई पीढ़ी को सदा प्रेरित करती रहेगी। श्रीबाबू एक प्रखर स्वतंत्रता सेनानी और अद्वितीय नायक थे। इस अवसर पर नगर अध्यक्ष सोईन अंसारी, अभिषेक चौबे, ई० रवि कुमार, रविन्द्रनाथ यादव, दीपक बाजोरिया, राजेश सिंह, डब्लू पांडेय, सौरभ पारिक, शिवशंकर सिन्हा, सीताराम वर्मा, बंटी दास, नीरज मंडल, मो० मेहताब, मिन्टू कुरैशी, उषा रानी, खुशबू देवी, दीपनारायण मंडल, सिद्धार्थ कुमार, रवि हरि, वरूण झा इत्यादि उपस्थित थे।

औरंगाबाद शहर के बिहार केसरी स्मृति स्थल पर बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बिहार केशरी श्री कृष्ण सिंह के 137वीं जयंती मनाया गया। बिहार केसरी श्री कृष्णा ट्रस्ट के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम का अध्यक्षता धनंजय शर्मा ने किया। वही कार्यक्रम का संचालन सुनील शर्मा ने किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाजपा नेता प्रमोद चंद्रवंशी, जदयू नेता विश्वनाथ सिंह, समाजसेवी शंभू शरण सिंह, औरंगाबाद नगर पर्षद अध्यक्ष उदय गुप्ता, रेड क्रॉस अध्यक्ष सतीश सिंह सहित अन्य लोग शामिल हुए। अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वही उनकी प्रतिमा पर सभी ने श्रद्धा  सुमन भी अर्पित किया की। सभी ने अपनी संबोधन में  बिहार के पहले मुख्यमंत्री बिहार केशरी श्री कृष्ण सिंह के विचारधारा का वर्णन किया और कहा की श्री कृष्ण बाबू  के पद चिह्न पर चलने की आवश्यकता है। तभी उनकी सच्ची श्रद्धांजलि मानी जा सकती है। वही लोजपा रामविलास पार्टी के जिला अध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार सिंह उर्फ सोनू ने कहा कि श्री कृष्णा बाबू जात पात से ऊपर उठकर जमात की राजनीति करते थे। उन्होंने परिवारवाद के कारण अपने छवि को कभी भी धूमिल नही होने दिया। उनकी विचारधारा अतुलनीय थी, जब की आज हमारे बिहार के राजनीति की गलीयारीयो में परिवारवाद सर चढ़कर बोल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीकृष्ण बाबू की विचारधारा समाज के लिए एक आईना से कम नहीं है।  उन्होंने अपनी कार्यकाल में सर्वांगिक विकास किया था, चाहे वह आर्थिक क्षेत्र हो,या समाजिक क्षेत्र हो या उघौगिक क्षेत्र,ही क्यों न हो उन्हों ने बिहार के हर क्षेत्र में विकाश की दीपक प्रज्वलित किया था जो अतुलनीय है। आज भी उनके कार्यकाल में उनके द्वारा ली गई योजना को बिहार सरकार पूरी नहीं कर सकी , वर्तमान में भी आप देख सकते है कोयल नहर परियोजना, जो आज तक विचाराधीन है। इस कार्यक्रम में मौके पर उपस्थित, नीलमणि पाण्डे था इस ट्रस्ट के सैकड़ो कार्यकर्ता ने भारत सरकार से बिहार केशरी श्री बाबू को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग किया है।

वहीँ गोपालगंज जिले के सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में भू संवाद संगठन द्वारा पूर्व  प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के 137वीं जयंती के अवसर पर रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का विधिवत उद्घाटन संगठन के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य मिथलेश राय, हरिनारायण सिंह, सुरेंद्र सिंह नवल सिंह और गणेश सिंह द्वारा फीता काट कर किया गया। इस दौरान संगठन से जुड़े लोगों ने 25 यूनिट रक्त दान कर समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन किया। इस अवसर पर संगठन से जुड़े उत्साही लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और 25 यूनिट रक्तदान कर समाज सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। दरअसल भूमिहार समाज द्वारा बनाए गए भू संवाद संगठन के माध्यम से आम लोगों में रक्त की कमी ना हो इसको लेकर समय समय पर रक्त दान शिविर का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में सोमवार को भी द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस संदर्भ में संगठन के संयोजक नितेश कुमार टिंकू ने कहा कि यह रक्तदान शिविर न केवल श्री कृष्ण सिंह के जन्मदिन को यादगार बनाने का एक प्रयास था, बल्कि जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराकर मानवता की सेवा करने का भी एक सुनहरा अवसर था। रक्तदान एक ऐसा पुण्य कार्य है जिसके माध्यम से हम किसी की जान बचा सकते हैं। भू संवाद संगठन द्वारा आयोजित इस शिविर ने लोगों को रक्तदान के महत्व के प्रति जागरूक किया है। इस शिविर के माध्यम से  भू संवाद संगठन ने समाज सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर साबित किया है। इस शिविर ने लोगों को रक्तदान के महत्व के प्रति जागरूक किया है। संगठन के सदस्यों ने इस शिविर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर एकता और सहयोग का उदाहरण पेश किया है। इस संदर्भ में रक्तदाता विशाल सिंह और रंजीत सिंह ने बताया कि आज श्री कृष्ण सिंह के जयंती के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें करीब 25 लोगों ने रक्तदान किया है। और इस तरह का कार्यक्रम को आगे हम लोग जारी रखेंगे ताकि समाज के विभिन्न वर्गों के लोगो को रक्त की कमी ना हो।

शेखपुरा से दीपक, औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर, भागलपुर से बालमुकुन्द और गया से प्रभात कुमार मिश्रा की रिपोर्ट


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