ihar News: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद राज्य में शराब से जुड़े मामलों की घटनाएँ सामने आती रहती हैं। हाल ही में भागलपुर के नवगछिया पुलिस जिला अंतर्गत कदवा थाना क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक पवन कुमार मंडल को शराब के साथ गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी का कारण: शराबबंदी का उल्लंघन
रविवार की रात पुलिस ने प्रधानाध्यापक के बासा (पशुशाला) पर छापेमारी कर पाँच लीटर देसी शराब बरामद की। पुलिस ने मौके पर ही पवन कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ बिहार मद्य निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि वो बासा में गायों की देखभाल करते हैं। इसी दौरान वो पाँच लीटर देसी शराब के साथ धरा गए। उन्होंने पूरे मामले को साजिश बताया। उनका कहना है कि उन्होंने कभी शराब नहीं पी। उनका दावा है कि गाँव वालों ने उन्हें फँसाने के लिए शराब रखी। प्रधानाध्यापक के अनुसार, यह विवाद का परिणाम है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि मेरे बासा पर शराब लाकर रखी गई थी, जिसकी जानकारी मुझे नहीं थी। यह मेरे खिलाफ षड्यंत्र है।"
मामले पर पुलिस का बयान
मामले पर कदवा थाना प्रभारी सुजीत वारसी ने बताया कि पवन कुमार मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनके खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।बिहार शराबबंदी कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आरोपी को सख्त सजा का प्रावधान है। पुलिस फिलहाल यह जाँच कर रही है कि क्या प्रधानाध्यापक का दावा सही है या वे वाकई कानून का उल्लंघन कर रहे थे।
बिहार में शराबबंदी: एक नजर
2016 में लागू पूर्ण शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब से जुड़े मामले सामने आना जारी है।
शराबबंदी की चुनौतियाँ
अवैध व्यापार: राज्य में शराब का गैरकानूनी परिवहन और बिक्री।
कानून का दुरुपयोग: कई मामलों में निर्दोष व्यक्तियों को फँसाने की शिकायतें।
सरकार के कदम
पुलिस की सख्ती बढ़ाई जा रही है।
शराबबंदी से जुड़े मामलों पर सख्त कार्रवाई।