Delhi Blast – आईएएस बनने की जगह बन गया आतंकी, बेटे की करतूतों से निराश पिता ने की आत्महत्या
Delhi - लाल किला के पास हुए हालिया बम विस्फोट की साजिश में बेटे का नाम आने और पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से शर्मिंदा एक पिता ने आत्मदाह कर लिया। रविवार सुबह दक्षिण कश्मीर के वनपोरा, कुलगाम निवासी बिलाल अहमद वानी ने अपने घर में आत्मदाह का प्रयास किया। गंभीर रूप से झुलसे बिलाल को पहले कुलगाम के जिला अस्पताल और फिर बेहतर इलाज के लिए श्रीनगर ले जाया गया, जहाँ आज तड़के उनकी मौत हो गई। बिलाल के आत्मघाती कदम से उनके घर और पूरे इलाके में मातम पसर गया है।
चाची ने बयां किया दर्द: 'एक गलती ने सब कुछ बरबाद कर दिया'
यह हृदय विदारक जानकारी बिलाल अहमद वानी के भाई की पत्नी, नसीमा अख्तर ने दी। नसीमा ने भावुक होते हुए कहा, "हमें जासिर से बड़ी उम्मीद थी। बिलाल साहब उसे IAS बनाना चाहते थे, लेकिन उसका नाम लाल किले के पास हुए बम विस्फोट में आ गया और पुलिस उसे, उसके बाप और मेरे खाविंद (पति) को पकड़ कर ले गई।" उन्होंने आगे कहा कि जासिर की एक गलती ने उनके परिवार की बरसों की इज्जत और भविष्य को पल भर में बरबाद कर दिया।
NIA की हिरासत में आतंकी जासिर वानी उर्फ दानिश
बिलाल अहमद वानी का बेटा जासिर वानी उर्फ दानिश वही है जिसे तीन दिन पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लाल किले के बाहर हुए आत्मघाती हमले और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) व अंसार गजवतुल हिंद के 'व्हाइट कॉलर मॉड्यूल' के साथ जुड़े होने की सूचना पर हिरासत में लिया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया।
ड्रोन और रॉकेट हमले की थी साजिश
एनआईए ने खुलासा किया है कि आतंकियों ने कार बम हमले से पहले ड्रोन और रॉकेट से हमला करने की साजिश रची थी, जिसमें जासिर की अहम भूमिका थी। एनआईए के अनुसार, जासिर वानी ने आतंकी डॉक्टर उमर नबी और उसके साथी आमिर व अन्य आतंकियों के लिए ड्रोन और रॉकेट बनाने का प्रयास किया था। बिलाल वानी के पड़ोसी डॉ. अदील, जो इस समय गिरफ्तार है, और उसका भाई डॉ. मुजफ्फर भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा हैं, जिसमें से डॉ. मुजफ्फर के अफगानिस्तान में छिपे होने की संभावना है।
IAS बनने का सपना टूटा, प्रतिष्ठा मिट्टी में मिली
बिलाल अहमद वानी, जो खुद एक ड्राइ फ्रूट विक्रेता थे, चाहते थे कि उनका बेटा जासिर भी पढ़ाई पूरी कर IAS अधिकारी बने। नसीमा अख्तर ने बताया कि उनका पूरा परिवार ड्राइ फ्रूट के कारोबार में शामिल है और उनका राजनीति या आतंकवाद से कभी कोई नाता नहीं रहा है। बिलाल साहब को इस बात का गहरा सदमा लगा था कि उनके खानदान की इज्जत, जिसे पूरे इलाके में सम्मान से देखा जाता था, वह अब तार-तार हो गई है।
बेटे से न मिल पाने की हताशा में उठाया कदम
नसीमा अख्तर के अनुसार, बिलाल साहब अत्यधिक हताश थे और बार-बार कहते थे कि कम से कम एक बार जासिर से मिलकर पूछें कि उसने ऐसा क्यों किया। लगातार पूछताछ और बेटे से न मिल पाने की निराशा उन्हें तोड़ रही थी। रविवार की सुबह वह घर पहुंचे तो बेहद निराश और गुमसुम थे। किसी को अंदाजा नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेंगे। उन्होंने गाड़ी से पेट्रोल निकालकर खुद पर छिड़क लिया।
पड़ोसियों में संदेह का माहौल: "घर तो तबाह हो गया"
बिलाल अहमद वानी के पड़ोसियों में इस घटना के बाद भय और संदेह का माहौल है। एक पड़ोसी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "यहां किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है। जिन बच्चों की काबिलियत की दाद दी जाती थी, वे सब पकड़े जा रहे हैं, मौत के सौदागर बने घूम रहे हैं।" बिलाल के जनाजे में आए लोग यही कह रहे थे कि "बेटे की करनी बाप को कहां ले गई। यह घर तो तबाह हो गया।" यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद से जुड़ने का फैसला किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है।