WAQF AMENDMENT BILL: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट सोमवार, 3 फरवरी को लोकसभा में पेश की जाएगी। जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल, भाजपा सांसद संजय जायसवाल के साथ रिपोर्ट पेश करेंगे। वे संयुक्त समिति के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों का रिकॉर्ड भी सदन के पटल पर रखेंगे।
रिपोर्ट 30 जनवरी, 2025 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी। जेपीसी ने बुधवार 29 जनवरी को मसौदा रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को स्वीकार कर लिया था। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने रिपोर्ट पर अपनी असहमति के नोट पेश किए। जेपीसी ने पहले वक्फ विधेयक 1995 को 14 खंडों और धाराओं में 25 संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी थी।
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि उन्होंने रिपोर्ट और संशोधित विधेयक को अपना लिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार एक खंड शामिल किया गया है जिसमें कहा गया है कि वक्फ का लाभ हाशिए पर पड़े लोगों, गरीबों, महिलाओं और अनाथों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके सामने 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में सदस्यों द्वारा संशोधन प्रस्तावित किए गए थे। उन्होंने कहा कि बहुमत से मतदान के बाद इन संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया।
हालांकि, जेपीसी की कार्रवाई की विपक्षी नेताओं ने आलोचना की। वक्फ संपत्तियों से जुड़े प्रावधानों की लंबे समय से आलोचना की जा रही है। इसमें कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों को उठाया गया है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य समय के अनुसार प्रावधानों को तर्कसंगत बनाना है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आनंद ग्रामीण प्रबंधन संस्थान को एक विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए एक विधेयक पेश करने की अनुमति भी प्रस्तुत करेंगे। अमित शाह सहकारिता क्षेत्र में तकनीकी, प्रबंधन, शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने, सहकारी अनुसंधान, विकास को बढ़ावा देने और उसमें वैश्विक उत्कृष्टता के मानकों को प्राप्त करने के लिए विधेयक पेश करेंगे, ताकि 'सहकार से समृद्धि' के विजन को साकार किया जा सके।