शराबबंदी खत्म ! फिलहाल होटल्स, रिजॉर्ट्स और पर्यटन स्थलों सहित 600 जगहों पर होगी शराब की बिक्री, ट्रेंड स्टाफ लोगों को परोसेंगे लाल पानी
शराबबंदी खत्म ! 2026 तक सऊदी के 600 टूरिस्ट लोकेशंस पर शराब की बिक्री शुरू करने का प्लान है. लेकिन शराब न घरों में मिलेगी, न बाजारों में, और न ही किसी पब्लिक स्पेस में. सिर्फ लाइसेंस प्राप्त जगहों पर, प्रशिक्षित स्टाफ ही इसे परोसेगा....पढ़िए आगे

N4N DESK : शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है। लेकिन आज के दौर में शराब पीने का प्रचलन आम हो गया है। पर्यटन के दृष्टिकोण से भी यह किसी देश और राज्य के लिए आवश्यक माना जाता है। ताकि पर्यटक अधिक से अधिक संख्या में घुमने आ सके। साथ ही इसकी बिक्री से राजस्व की वसूली भी अधिक होती है। हालाँकि भारत के कई राज्यों में शराबबंदी लागू है। वहीँ दुनिया के कई इस्लामिक देशों ने भी इसपर प्रतिबंध लगा दिया है। हालाँकि अब दुनिया के इस बड़े इस्लामिक देश में करीब 73 सालों के बाद शराब पर लगी रोक हटाने का फैसला किया है। जी हां, वह इस्लामिक देश सऊदी अरब है। जहाँ 1952 में शराब पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। अब शराब पर प्रतिबन्ध हटाने के फैसला किया गया है। सऊदी अरब में एक्स्पो 2030 और फीफा वर्ल्ड कप 2034 जैसे अंतरराष्ट्रीय इंवेंट्स का आयोजन किया जायेगा। जिसके तहत 2026 से देश में शराब की नियंत्रित खरीद और बिक्री की अनुमति का फैसला किया गया है।
पाबंदी हटने के बाद सऊदी अरब में शराब की बिक्री कुछ इलाकों तक सीमित होगी। शराब किंगडम के 600 जगहों पर बेची जाएगी। जिसमें मुख्य रूप से पर्यटकों के लिए बनाए गए लग्जरी होटल्स, रिजॉर्ट्स और पर्यटन स्थल शामिल होंगे। सऊदी अरब का नया बन रहा नियोम शहर, सिंदाला और रेड सी प्रोजेक्ट ऐसे कुछ स्थान हैं, जहां शरीब बेचने की इजाजत होगी। फिलहाल सऊदी अरब में केवल बीयर, वाइन और साइडर जैसे एल्कोहलिक ड्रिंक्स को बेचने की इजाजत होगी। जिन ड्रिंक्स में एल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है, उनकी बिक्री पर फिलहाल पाबंदी रहेगी। इसके साथ ही घरों, दुकानों या सार्वजनिक जगहों पर शराब की इजाजत नहीं होगी और व्यक्तिगत तौर पर शराब का उत्पादन भी बैन रहेगा।
बताते चलें की 1952 तक सऊदी अरब ने शराब बेचने और पीने की इजाजत दे रखी थी। जबकि इस्लाम में शराब पीना हराम माना जाता था। लेकिन शराब पर पाबंदी लगाने के पीछे 1951 की एक घटना थी। जिसमें शाही परिवार के नशे में धुत्त राजकुमार ने एक ब्रिटिश डिप्लोमैट की हत्या कर दी थी। इसके बाद शराब पर प्रतिबन्ध लगाने का फैसला किया गया था। हालाँकि सऊदी अरब में रह रहे डिप्लोमैटिक स्टाफ को शराब आयात करने की अनुमति थी। डिप्लोमैटिक स्टाफ सीलबंद पैकेट्स में शराब आयात करते हैं जिसे डिप्लोमैटिक पाउच कहा जाता है। 2024 में रियाद में गैर-मुस्लिम प्रवासियों और डिप्लोमैटिक स्टाफ के लिए एक दूकान खोलने का फैसला किया गया था।